Raagopanishad : 400 साल पुराना वो खज़ाना, जो अब हमारे हाथ लगा है।
Experiment
इसकी पूरी जानकारी जानेंगे लेकिन उससे पहले 2025 की ये हैरान कर देनेवाली Research Report के बारे में जानते हैं।
मूंग की दाल के पौधे पर 25 दिनों तक एक Experiment किया गया वैज्ञानिकों ने 3 Groups बनाए।
1. पहला ग्रुप-इस ग्रुप के पौधों को रोज़ 1 घंटा Raag Madhuvanti जो कि एक शांत भारतीय राग है वह सुनवाई गई।
2. दूसरा ग्रुप-इस ग्रुप को रोज़ 1 घंटा Traffic की तेज़ आवाजें सुनवाई गई।
3. तीसरा ग्रुप-इन्हें कुछ भी नहीं सुनाया गया।
1st Group को हम Classical Music Group कहेंगे, 2nd को Traffic Sound Group और 3rd को No Sound Group.
Results
25 दिनों के बाद हम हैरान रह जाएंगे ऐसे परिणाम देखने को मिले।
1. Raag Madhuvanti सुनने वाले पौधों की Average लंबाई 13.25 CM पाई गयी, पत्तियों में Chlorophyll ज्यादा पाया गया।
Protein और Carbohydrate भी ज्यादा पाए गए साथ ही पौधा दिखने में हरा-भरा और ताकतवर बन गया।
2. Traffic Sound सुननेवाले पौधे सिर्फ 4.25 CM ही बढ़ पाए, पत्तियों पीली, कमज़ोर और रूखी थी, Protein और ताकत की मात्र बहुत कम निकली।
3. No Sound Group वाले पौधे 6.5 CM ही बढे, ना ज्यादा अच्छे, ना ज्यादा बुरे।
क्या आप मानेंगे? सिर्फ़ 25 दिनों में पौधों का रंग-रूप, ताक़त और लंबाई बदल गई-सिर्फ़ एक राग की वजह से।
यहाँ पर थोड़ी देर के लिए इस Topic को हम Side में रखते हैं, अंत में आपको Clear हो जाएगा कि हम इस विषय पर क्यों बात कर रहे हैं और इस विषय से आपका, मेरा, हम सभी का क्या लेना देना?
Raagopanishad
एक चमत्कारी भेंट हमारे तन, मन और आत्मा के लिए। क्या आपने कभी ऐसा संगीत सुना है जो न सिर्फ़ कानों को सुकून दे, बल्कि तन, मन और आत्मा-तीनों को आनंदित कर दे?
क्या हो अगर यह कहा जाए कि 400 साल पहले कुछ जैन मुनियों ने एक ऐसा ख़ज़ाना लिखा जिसे सुनने से तन को राहत, मन को शांति, और आत्मा को ऊर्जा मिलती है?
जी हां! ये कोई कल्पना नहीं है-ये है “Raagopanishad” की अद्भुत कहानी!
Raagopanishad एक अद्भुत ग्रन्थ है, संगीत के दुनिया की एक धरोहर है जिसकी रचना 400-500 वर्ष पहले हमारे महापुरुष ऐसे जैन मुनियों ने की।
हमें यह जानकर बहुत ख़ुशी होगी कि स्वयं प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदीजी ने भी इस ग्रन्थ की सराहना की है और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री श्री देवेन्द्र फडणवीस जी के द्वारा 8th March 2025 को इस ग्रन्थ की Launching हुई है।
इस ग्रन्थ के साथ साथ इसकी Music Album भी Launch की गई, यह Raagopanishad Book और Raagopanishad Music Album आप https://raagopanishad.com/ Website पर जाकर Purchase कर सकते हैं।
‘अरे! ना मैं Singer हूँ और ना ही मुझे Music में Interest है और Classical Music में तो बिलकुल Interest नहीं है तो Raagopanishad मेरे किस काम का?’
इस Article के अंत तक इस प्रश्न का जवाब भी मिल जाएगा।
Contents
Raagopanishad ग्रन्थ और Music Album में क्या क्या है?
1. 1 रागमाला अनेक रागों से बनती हैं। 38 रागमालाएं अर्थात् 38 अलग अलग विषयों को लेकर की हुई रचना।
2. 958 पद-जो 90 से ज्यादा अलग-अलग रागों में लिखे हुए हैं।
3. 150 प्राचीन Musical Instruments का वर्णन, जिनमें से कुछ तो भगवान महावीर स्वामी के समय के हैं।
4. और सबसे ख़ास 126 दुर्लभ राग, जो पुराने हस्तलिखित पांडुलिपियों से जीवित किए गए हैं।
5. पद्मश्री पुरस्कृत Singers शंकर महादेवन, राशिद खान, सुरेश वाडकर, उल्हास कशाळकर, अश्विनी भिडे आदि तथा भरतभाई बलवल्ली, जावेदअली, कौशिकी चक्रबर्ती आदि 22+ Famous & Renowned Singers ने इस Raagopanishad की Music Album को अपनी आवाज़ दी है।
यह ग्रंथ, केवल किताब नहीं है-बल्कि हमारी संस्कृति, संगीत और साधना का जीवंत रूप है। Raagopanishad एक एल्बम नहीं है-एक संगीत यात्रा है, जो आपको प्राचीन भारत में ले जाएगी।
इस ग्रन्थ को हम तक किसने पहुंचाया?
इस चमत्कारी ग्रंथ को आधुनिक युग में लाने वाले हैं परम पूज्य आचार्य भगवंत श्री तीर्थभद्रसूरीश्वरजी महाराज साहेब एवं उनके शिष्य मुनि भगवंत। इनकी प्रेरणा और अथक प्रयासों से Raagopanishad आज हमारी पीढ़ी तक पहुंचा है।
यह महात्माओं का ग्रुप लगातार Research करता रहता है, ऐसे ही एक Research के दौरान लगभग 20 पन्नों की हस्तप्रतें यानी Manuscripts महात्माओं के हाथ लगी और अब यह ग्रन्थ Raagopanishad आज हम तक पहुंचा है।
Nectar For The Soul
‘अरे भाई! बात सही है, मैं तो Singer नहीं हूँ तो Raagopanishad मेरे किस काम का?’
देखिए, आज का दौर ऐसा है कि बहुत से लोग Western Music की Flashy दुनिया की तरफ भाग रहे हैं। Loud & Fast-Pop, Rock या Electronic Beats से Temporary Excitement तो जरूर मिलता है।
लेकिन कई Scientific Researches से यह साबित हो चुका है कि ऐसा Music Actually Overstimulate करता है-जिससे Heart Rate बढ़ता है, और Tension, Stress, Anxiety जैसी समस्याएं पैदा होती हैं।
वहीं दूसरी तरफ-अनेकों Researchers का यह कहना है कि शास्त्रीय रागों से यानी Classical Music से Stress (तनाव) कम होता है।
Depression, Anxiety Problems Solve होती है, चिंता घटती है, दिमाग की एकाग्रता बढती है यानी Focus बढ़ता है। इतना ही नहीं, Blood Pressure, Asthma, Paralysis, Dementia जैसी समस्याओं में भी फायदा हुआ है।
राग कोई आम धुन नहीं है-यह तो आयुर्वेदिक औषधि की तरह काम करता है-बिना कोई Side Effects के।
Hindustani Classical Music सदियों से मन को Calm करने, Focus बढ़ाने और Body को Naturally Heal करने का काम कर रहे हैं। Raagopanishad Healthcare के Field में बहुत बड़ा Revolution लाने वाला है।
“Raag Heals Rog”
जी हाँ ! राग से रोग को दूर किया जा सकता है।
आज भारत और दुनिया के कई बड़े Hospitals और Health Centers में भारतीय शास्त्रीय संगीत को Therapy की तरह इस्तेमाल किया जा रहा है।
Apollo Hospitals और Tata Memorial Hospital में रागों की धुनों से मरीजों का तनाव और Blood Pressure कम किया जाता है।
NIMHANS Bengaluru जैसे मानसिक स्वास्थ्य संस्थान में Raag Yaman और Raag Bhairavi को Anxiety और Depression में उपयोग किया जाता है।
अब Time आ गया है-एक U-Turn लेने का! अपने Roots की तरफ लौटने का, उस संगीत की तरफ लौटने का जो सिर्फ़ कान के लिए Soothing नहीं, Soul के लिए अमृत है।
Raagopanishad-हमें यही रास्ता दिखाता है।
A Path of Sound, Silence and Self-Discovery.
अब आते हैं हमारे मूंग वाले पौधे के विषय पर। Just Imagine मुंग के पौधे में एक राग के कारण अगर इतना बदलाव हो सकता है तो सोचिए Raagopanishad से हम में कितना बदलाव हो सकता है?
शास्त्रीय संगीत में हर राग एक भावना है-कभी शांति, कभी वीरता, कभी करुणा..
World Recognization
जैन दर्शन में कहा गया है-आत्मा की उन्नति तभी होती है जब मन शांत हो और Raagopanishad मन को शांत करने का सबसे सुंदर तरीका है।
आज जब पूरी दुनिया योग और आयुर्वेद अपना रही है, तो अब बारी है भारत के इस अनमोल संगीत उपहार की-Raagopanishad।
जानकारी के लिए बता दें Berklee College of Music (Boston, USA), University of Melbourne (Australia) जैसे पूरे World में लगभग 70 Colleges/Universities में Music Therapy का Course सिखाया जाता है और बाकायदा Degree दी जाती है।
Raagopanishad ना केवल संगीत प्रेमियों के लिए है, बल्कि हर उस इंसान के लिए है जो भीतर की शांति ढूंढ रहा है। जो तनाव लेकर बैठा है, जो Depression से गुज़र रहा है, जो हर वक्त Stress में रहता है, ये सिर्फ एक संगीत का संग्रह नहीं है-ये हमारी विरासत है।
ये आत्मा की औषधि है ऐसा कहना गलत नहीं होगा।
अब वक्त है, सिर्फ़ सुनने का नहीं-अनुभव करने का। Raagopanishad को सुनकर अपने जीवन को Music Therapy से Connect कर सकते हैं।
तो Raagopanishad Book एवं Music Album को आप https://raagopanishad.com/ Website से प्राप्त कर सकते हैं।
अधिक जानकारी के लिए इस Contact Information पर संपर्क कर सकते हैं।
Contact : +91 7021931310