Mallinath Bhagwan Stavan – Mallijin Nathji Vrat Lije Lyrics (Maun Gyaras Special)

"मल्लिजिन! नाथजी व्रत लीजे..." जैन स्तवन

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19वे तीर्थंकर श्री मल्लिनाथ भगवान का अद्भुत स्तवन 
“मल्लिजिन! नाथजी व्रत लीजे..”

पंचम सुरलोकना वासी रे, नव लोकांतिक सुविलासी रे,
करे विनती गुणनी राशि रे,
मल्लिजिन! नाथजी व्रत लीजे…  (x2)

भविजीवने शिवसुख दीजे रे… 
मल्लिजिन! नाथजी व्रत लीजे… (x2)

तुमे करुणारस भंडार रे, पाम्या छो भवजल पार रे,
सेवकनो करो उद्धार रे…  (1)
मल्लिजिन! नाथजी व्रत लीजे… (x2)

प्रभु दान संवत्सरी आपे रे, जगनां दारिद्र दुःख कापे रे,
भव्यत्प पणे तस थापे रे…  (2)
मल्लिजिन! नाथजी व्रत लीजे… (x2)

सुरपति सघला मली आवे रे, मणि रयण सोवन वरसावे रे,
प्रभु चरणे शीश नमावे रे…   (3) 
मल्लिजिन! नाथजी व्रत लीजे… (x2)

तीर्थोदक कुंभा लावे रे, प्रभुने सिंहासन ठावे रे,
सुरपति भक्ते नवरावे रे…   (4)
मल्लिजिन! नाथजी व्रत लीजे… (x2)

वस्त्र आभरणे शणगारे रे, फूल माला ह्रदय पर धारे रे,
दुःखडां ईद्राणी उवारे रे…   (5)
मल्लिजिन! नाथजी व्रत लीजे… (x2)

मल्या सुर नर कोडाकोडी रे, प्रभु आगे रह्यां कर जोडी रे,
करे भक्ति युक्ति मद मोडी रे…   (6)
मल्लिजिन! नाथजी व्रत लीजे… (x2)

मृगशिर सुदीनी अजुवाली रे, एकादशी गुणनी आली रे,
वर्या संयम वधू लटकाली रे…   (7)
मल्लिजिन! नाथजी व्रत लीजे… (x2)

दीक्षा कल्याणक एह रे, गातां दुःख न रहे रेह रे,
लहे रूपविजय जस नेह रे…   (8)
मल्लिजिन! नाथजी व्रत लीजे…

मल्लिजिन! नाथजी व्रत लीजे… 
मल्लिजिन! नाथजी व्रत लीजे…

लेखक: परम पूज्य श्री रूपविजयजी महाराज साहेब
गायिका: फोरम प्रशम शाह

इस स्तवन का अर्थ समझने के लिए यह Video देख सकते हैं. 

“मल्लिजिन ! नाथजी व्रत लीजे..” जैन स्तवन (संवेदना / अर्थ के साथ)

  

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