सामायिक लेनी अच्छी लगती है लेकिन अँधेरे में करना क्या? प्रतिक्रमण के दौरान कुछ दिखता नहीं तो सूत्र कैसे बोलने? Solution है – Radium प्रतिक्रमण पुस्तिका!
इसका Invention क्यों किया गया है? और किस तरह से यह पुस्तक काम आएगी? आइये जानते हैं इस Article के माध्यम से. बने रहिए इस Article के अंत तक.
कई लोगों को सामायिक प्रतिक्रमण के विषय में कुछ Problems Face करनी पड़ती है जैसे:
श्रावक श्राविकाओं के लिए प्रतिक्रमण दिन के 6 आवश्यक कार्यों में से एक कहा गया है. लेकिन अभी के समय में अधिकतर लोगों को सामायिक प्रतिक्रमण की विधि और सूत्र नहीं आते हैं. गुरु भगवंतों की अनुपस्थिति में या Office आदि के कारण Busy Schedule होने की वजह से सामुहिक प्रतिक्रमण में न जा पाने के कारण स्वयं बिना Light के, अँधेरे में Book से सूत्र पढ़ने कठिन हो जाते हैं.
फिर कुछ लोग Mobile आदि का प्रयोग करके या फिर Light के प्रकाश में Book देखकर प्रतिक्रमण करते हैं, जो Actually तो चलता नहीं और उसमें दोष भी लगता है. तो इस दोष से बचने के लिए यह पुस्तक बहुत ही अच्छा Solution है.
प्रस्तुत है स्वाध्यायप्रेमी परमसंयमी प.पू. आचार्य भगवंत श्रीमद् विजय अजितसेनसूरिश्वरजी महाराजा के शिष्य प.पू. मुनिराज श्री मंगलसेनविजयजी महाराज साहेब द्वारा संपादित और संयम स्वाध्याय परिवार द्वारा प्रकाशित अँधेरे में भी पढ़ी जा सके ऐसी ‘Radium प्रतिक्रमण Book.’
आइए जानते हैं इस Book की Uniqueness और इसे Use करने का Process सिर्फ 9 छोटे छोटे Points में.
1. प्रतिक्रमण सुविशुद्ध तरीके से हो सके इसलिए देवसिय प्रतिक्रमण, राईअ प्रतिक्रमण तथा पक्खी / चौमासी / संवत्सरी प्रतिक्रमण, इस तरह से 3 Books तैयार करवाई गई है. इन Books को पढने के लिए इनके साथ में एक Standard Quality की Radium Sheet दी जाती है जो अँधेरे में चमकती है, जिससे सामायिक – प्रतिक्रमण, Light आदि के दोष के बिना किए जा सकते हैं. अर्थात् जिन्हें सूत्र नहीं आते वे भी देखकर आसानी से बोल पाएंगे.
2. Radium यानी क्या?
रेडियम जमीन में से निकलने वाला एक पदार्थ है जो अंधेरे में चमकता है, यह बहुत ही महंगा होता है जो बाजार में Generally नहीं मिलता लेकिन रेडियम जैसा ही अंधेरे में चमकने वाला पदार्थ Phosphorus भी है इससे जो शीट बनाई जाती है वह बाजार में रेडियम शीट के नाम से मिलती है इसी शीट का प्रयोग इस पुस्तक में किया गया है..
3. सबसे पहले Radium Sheet को देवसिय प्रतिक्रमण यानी शाम के प्रतिक्रमण में Use करने के पहले शाम को प्रकाश वाली जगह पर 1 घंटा खुल्ले में यानी Open में रखनी है जिससे यह अपनेआप Charge हो जाएगी.
Please note – इस Sheet को कभी भी Directly धूप में नहीं रखना है वरना यह Sheet 2-4 दिन में ही ख़राब हो जाएगी.
इसे घर के Natural प्रकाश अथवा Tube Light या Bulb के प्रकाश में रखकर ही Charge किया जा सकता है. Direct Sunlight को Avoid करना है. घर पर जब भी दूसरे कार्यों के लिए Light जलती है तब ऐसे ही खुल्ले में रखने में आए तो यह Sheet अपने आप Charge हो जाएगी.
4. अँधेरा होने के बाद प्रतिक्रमण के समय Radium प्रतिक्रमण पुस्तक के Page के नीचे इस Sheet को रखना होगा, Radium के कारण अक्षर अँधेरे में दिखने लगेंगे जिन्हें पढ़कर Easily सामायिक प्रतिक्रमण किया जा सकता है. एक Page Complete होने के बाद दुसरे Page के नीचे इस Sheet को रखना होगा जिससे एक ही Sheet से सम्पूर्ण पुस्तक पढ़ी जा सकती है.
5. Radium Sheet को प्रतिक्रमण से पहले कम से कम 1 घंटे तक Light वाली जगह पर रखकर Charge करनी जरुरी है. किसी दिन याद ना रहने के कारण Radium Sheet पुस्तक के अन्दर रह गई हो तो Radium Sheet को Tubelight के एकदम पास (Tubelight से 1 inch दूर) रखने से 2 मिनट में ही Charge हो जाती है.
6. Books के साथ में जो Radium Sheet दी जाएगी वो Transparent Plastic में Packed रहेगी जिससे उस पर धूल ना जमे और वो जल्दी खराब ना हो इसलिए उसका Plastic कृपया करके नहीं निकालना है.
7. दिन के समय में यदि उजाले में यह पुस्तक पढनी हो तो Pages के नीचे Blank Paper यानी कोरा White कागज़ या फिर यह Radium Sheet लगाकर भी पढ़ सकते हैं.
8. गुरु भगवंतों द्वारा इस पुस्तक में सूत्र की शुद्धि का विशेष ध्यान रखा गया है. उच्चारण में किसी भी प्रकार की Mistake ना हो इसलिए शब्दों में बिंदी की जगह आधा न या आधा म का प्रयोग किया गया है जैसे: “गंभीरा-गम्भीरा, मभिणंदणं-मभिणन्दणं.”
साथ ही शुद्ध उच्चार के लिए संस्कृत के कई नियम भी इस पुस्तक में समझाए गए हैं. Possibility के अनुसार बड़े शब्दों को भी अलग अलग करके लिखा गया है ताकि पढने में Easy रहे. सामायिक प्रतिक्रमण की विधि में जितनी बार जो सूत्र आता है उतनी बार विधि सहित प्रस्तुत किया गया है. जैसे शाम के प्रतिक्रमण में वान्दना सूत्र 10 बार आता है तो उतनी ही बार लिखा गया है.
9. यह तीनों पुस्तक राईअ प्रतिक्रमण, देविसीय प्रतिक्रमण तथा पक्खी / चौमासी / संवत्सरी प्रतिक्रमण – हिंदी और गुजराती भाषा में उपलब्ध है.
‘Radium पर्युषण स्तवनावली’ नामक पुस्तक भी गुजरात एवं हिंदी में उपलब्ध है. जिसमें मासक्षमणधर, पासक्षमणधर और पर्युषण के 8 दिन के चैत्यवंदन, थोय के जोड़े, स्तवन, हालरडा, 27 भव का स्तवन, पंच कल्याणक का स्तवन, छह अट्ठाई का स्तवन और आठों दिनों की सज्झाय है.
Radium प्रतिक्रमण पुस्तक को प्राप्त करने के लिए और अधिक जानकारी के लिए दिए गए Contact Numbers पर Whatsapp Message द्वारा संपर्क कर सकते हैं.
Contact Information:
Pankaj Bhai Jhaveri (Surat) – 88665 08819 / 79908 88943
Jyotsana Ben (Dahanu Road, Mumbai) – 91710 18732
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