श्री हेम-ललित का भाता : साधार्मिक भक्ति के क्षेत्र में अद्भुत कार्य कर रहा है यह परिवार.
आइए जानते हैं इस अद्भुत Initiative की Details इस प्रस्तुति के माध्यम से.
बने रहिए इस Article के अंत तक.
Guru Bhagwant’s Guidance
ऐसा कहा जाता है कि भूखे पेट कभी भक्ति नहीं हो सकती. पेट एक ऐसा खड्डा है जो कभी भरता नहीं है. भूखा पेट व्यक्ति को गलत राह पर लेकर जाने की भी ताकत रखता है. वृद्धावस्था में अगर पेट की आग शांत ना हो तो व्यक्ति की समाधि यानी Mental Peace खो जाता है और असमधि व्यक्ति को दुर्गति का Guest बना सकती है.
वृद्धावस्था में पहुंचे हमारे जैन भाई-बहनों को ऐसी तकलीफ ना हो, उसके लिए प्रस्तुत है गिरनार तिर्थोद्धारक परम पूज्य आचार्य भगवंत श्रीमद् विजय नीति सूरीश्वरजी महाराज साहेब के 150वें जन्मदिवस वर्ष निमित्त ‘श्री हेम-ललित का भाता’.
देव-गुरु-धर्म की कृपा से कई आत्माओं के मन में वैराग्य के भाव आते हैं और वे दीक्षा ग्रहण करते हैं. ऐसे माहौल में कई लोगों के मन में यह प्रश्न उठता होगा कि आखिर दीक्षा लेने के बाद एक जैन साधु समाज में किस तरह Contribute करते हैं? जिनशासन के इतिहास में लोगों के सेवा के उद्देश्य से ऐसे कई Successful Initiative हुए हैं जिनके पीछे गुरु भगवंतों द्वारा की गई प्रेरणा थी.
मानव सेवा के जो Ideas संसारी श्रावकों के दिमाग नहीं आते हैं वैसे Ideas संयमी गुरु भगवंत द्वारा दिए जाते हैं. Corona काल इसका सबसे बड़ा उदाहरण है. यह सभी जैन साधुओं का Society के लिए एक तरह का बहुत बड़ा Contribution ही है.
उसी कड़ी में 26th August, वर्ष 2023 में श्री नीतिसूरिजी समुदाय के प.पू. गच्छाधिपति श्री हेमप्रभसूरिश्वरजी महाराज साहेब एवं प.पू. आचार्य भगवंत श्रीमद् विजय ललितप्रभसूरीश्वरजी महाराज साहेब द्वारा अहमदाबाद के सेवाभावी श्रावकों को प्रेरणा की गई कि ‘श्री हेम-ललित का भाता’ का गठन किया जाए, जिसके द्वारा वृद्धावस्था में पहुंचे हुए हमारे माता-पिता तुल्य साधार्मिक भाई बहन कभी भूखे ना रहे और उनकी समाधि हमेशा बनी रहे उसका ध्यान रखा जाए.
श्रवण सुदी 10, 26th August 2023 युगप्रधान आचार्यसम पंन्यास श्री चंद्रशेखर विजयजी महाराज साहेब की पुण्यतिथि के निमित्त, उनकी भावना के अनुसार यह योजना शुरू की गई.
‘श्री हेम-ललित का भाता’ किस तरह साधार्मिक भक्ति के कार्य करता है? और
इस परिवार का Vision क्या है? आइए जानते हैं.
Daily Tiffin Service
जिन साधार्मिक भाई बहनों की उम्र 50 वर्ष से अधिक हो, उनके बेटे अथवा बेटी ने दीक्षा ली हो और उनकी देखभाल के लिए कोई ना हो या फिर जिनके बच्चों ने उन्हें छोड़ दिया हो, ऐसी Situation में माता-पिता अथवा दोनों अकेले रहते हों और उनके घर में कमानेवाला कोई ना हो, उम्र और रोगों के कारण Financial Conditions अच्छी ना हो ऐसी परिस्थिति में श्री हेम-ललित का भाता साधार्मिकोद्धार के लक्ष्य से त्यौहार आदि के दिन भी छुट्टी लिए बिना Daily घर-घर जाकर साधार्मिक भाई बहनों की निशुल्क Tiffin द्वारा भक्ति करते हैं. इस योजना में सुपात्रदान का लाभ भी मिलता है.
Daily Tiffin में पौष्टिकता से भरपूर एवं जयणा का ध्यान रखते हुए बना हुआ भोजन यानी रोटी-सब्जी-दाल-चावल-गुड दिया जाता है और हर रविवार अथवा त्यौहार आदि के Time मिठाई या फरसान दिया जाता है. ठंडी के मौसम में शरीर के लिए पौष्टिक आहार जैसे खजूर और उससे बने मिष्ठान, केसर मिष्ठान, मेवा-मिठाई, गर्मी के मौसम में ठंडे पदार्थ जैसे छाछ, आमरस आदि द्वारा भक्ति करते हैं और इस तरह Daily 200 जितने Tiffin का लाभ इस परिवार को मिल रहा है.
Mental & Physical Health
साधार्मिक भाई बहनों की Health को ध्यान में रखते हुए इस परिवार ने MD Doctor, Medicines, Laboratory आदि द्वारा भी सेवा देने की शुरुवात की है, जिसमें हर महीने 70 से 80 लोगों की Medical सेवा का लाभ मिला है. शरीर की स्वस्थता के साथ साथ श्री हेम-ललित का भाता परिवार द्वारा साधार्मिक भाई बहनों की मन की स्वस्थता का भी ध्यान रखा जाता है जिसमें परमात्म भक्ति का अनूठा आयोजन किया जाता है.
वृद्धावस्था में पहुंचे कई साधार्मिक भाई बहन ऐसे भी हैं जो शारीरिक Problems के कारण पलंग से उठ नहीं सकते हैं या घर के बाहर नहीं जा सकते हैं, तो वे परमात्मा के दर्शन से वंछित ना हो इसलिए श्री हेम-ललित का भाता परिवार द्वारा परमात्मा की प्रतिमा को उनके घर लेकर जाया जाता है और उन्हें परमात्मा के दर्शन, सेवा-पूजा, चैत्यवंदन आदि करवाने का लाभ लिया जाता है.
माता पिता के समान साधार्मिक भाई बहनों की समाधि को बनाए रखने के लिए श्री हेम-ललित का भाता के श्रावक एवं श्राविकाएं उनके घर जाते हैं और उनके मन की बातों को सुनकर उन्हें सांत्वना देते हैं, उन्हें शुभ भावों की धारा में ले जाने का प्रयास करते हैं.
वृद्धावस्था के कारण उन्हें कहना बहुत कुछ होता है लेकिन आजकल के Busy Schedule में किसी के पास उन्हें सुनने का समय नहीं होता है. तब श्री हेम-ललित का भाता उनके पास पहुंचकर उनके मन की बातों को सुनने का लाभ प्राप्त करता है एवं उन्हें मधुर स्तवन, Stories आदि भी सुनाते हैं.
Future Vision
At present श्री हेम-ललित का भाता अहमदाबाद, सूरत और नवसारी में चल रहा है लेकिन इनका यह Vision है कि उन्हें पूरे भारत के समस्त संघों में जहाँ भी साधर्मिक भाई बहनों को जरुरत हो वहां तक पहुँचकर उनकी भक्ति करनी है, उन्हें शाता का अनुभव कराना है, उनकी समाधि को बनाए रखना है और प्रबल पुण्य से मिले इस दुर्लभ मानव भव को साधार्मिक भाई बहन व्यर्थ ना गंवाकर आराधना-साधना के द्वारा जीवन को धन्य बनाए और जिनशासन के प्रति राग नहीं अनुराग जगाकर वे जल्द से जल्द मोक्ष सुख को प्राप्त करें यही श्री हेम-ललित का भाता के शुभ भाव हैं.
ऐसा कहते हैं कि रोटी-कपडा-मकान व्यक्ति की Basic Needs होती है जिसमें सबसे पहले Number पर रोटी आती है, तो इतने बुजुर्गों की First Basic Need पूरी करने का पवित्र कार्य यह श्री हेम-ललित का भाता परिवार कर रहा है. हमें यह जानकर बहुत ख़ुशी होगी कि अब तक 45000+ टिफिन का लाभ इन्हें मिल चुका है.
कई बार ऐसे कार्य के द्वारा हमें Ground Level की Reality भी जानने को मिलती है जिसे हम नकार नहीं सकते. इनके इस अद्भुत कार्य की अंतर्मन से अनुमोदना. इनकी Working आदि जानने के लिए आप इनसे Directly संपर्क कर सकते हैं.
Contact Information
1. Piyush Bhai (Nikol Ahmedabad) – 95100 68400
2. Vaibhav Bhai Shah (Jain Nagar Ahmedabad) – 98253 36464
3. Raj Bhai (Krishnanagar Ahmedabad) – 84697 06157
4. Jainam Bhai (Sabarmati Ahmedabad) – 80002 03434
5. Abhishek Bhai (Navsari) – 98983 00281
6. Pankaj Bhai (Surat) – 91060 23101
7. Malav Bhai (Mahasukh Nagar Ahmedabad) – 81287 05085