क्या हिंसा देखने से हम हिंसक बनते हैं? हिंसक Web-Series का असर हमारे दिमाग पर पड़ता है या नहीं? अगर आपके घर पर Violent Scenes वाली Web-Series या Movies देखी जाती है तो सावधान होने का समय है.
पूरी जानकारी के लिए बने रहिए इस Article के अंत तक.
Web Virti Episode 06 में आपका स्वागत है.
PROBLEM
आजकल Web-Series/Movies/Mobile Games में बहुत ही ज्यादा Violent Scenes दिखाए जाते हैं. क्रूरता की सारी हदें पार कर दी जाती है. बार बार Mobile Phone पर यह सब देखने से व्यक्ति Mobile Addict बनता है और परिणाम भयानक आ रहे हैं.
REAL SHOCKING CASES
हाल ही के कुछ Cases देखते हैं.
- केरला में एक बेटे ने अपनी माँ की हत्या कर दी क्योंकि माँ बार बार अपने बेटे को फ़ोन को लेकर डांटती थी.
- गुजरात में एक 17 वर्ष के बेटे ने अपने पिता की हत्या कर दी क्योंकि उसके पिता ने उसे Mobile Games खेलने के लिए डांटा था.
- जयपुर में एक 20 साल के लड़के ने अपने Parents और बहन की हत्या कर दी, ये लड़का एक Phone Addict था जो दिन के 15-16 घंटे फ़ोन पर रहता था, Reports के अनुसार पुलिस ये भी देख रही है कि कहीं Violent Online Games के कारण तो यह सब नहीं हुआ है?
- अहमदाबाद में एक 13 साल की बच्ची जो Phone Addict थी उसने अपनी माँ को मारने की अनेकों कोशिशें की क्योंकि माँ ने फ़ोन छीन लिया था और वापस देने से मना कर दिया था.
- Tripura के एक खतरनाक केस सामने आया जहाँ एक 17 वर्ष के लड़के ने अपने ही परिवार के 4 सदस्यों की हत्या कर दी. Investigation में आसपास के लोगों ने कहा कि यह लड़का Crime Investigation Shows का Addict था.
ANALYSIS
क्या ये सिर्फ संयोग हैं, या इन घटनाओं के पीछे एक गहरा कारण है? Phone Addiction तो भयानक है ही लेकिन फिलहाल Violence पर Analysis करें तो कई Researches से यह सामने आया है कि Violent चीज़ें देखने से Mental Health पर Negative Effects होते हैं.
आप पूछेंगे कि Violence देखने से क्या ही हो जाता है?
Simple Science है! Violent Scenes देखने से Stress और Anxiety में बढ़ोतरी होती है. जिससे व्यक्ति में Aggressiveness बढ़ता है, Sympathy की यानी दया भाव करुणा भाव की कमी आती है और फिर वह व्यक्ति अपने दोस्तों से एवं परिवार से दूर होने लगता है. इस तरह के भयानक Impacts देखने को मिलते हैं. सामान्य व्यक्ति के मुकाबले इन सबका असर बच्चों पर बहुत-बहुत ज्यादा पड़ता है.
Expert Dr. Samir Parikh का कहना है कि बच्चें हमेशा देखकर Copy करने की कोशिश करते हैं. अनेकों Researchers ये बता चुके हैं कि Aggression देखने से Aggression बढ़ता है और Violence और Pain के प्रति Sensitivity ख़त्म हो जाती है.
बच्चे असली और नकली में शायद फर्क नहीं कर पाते, फिल्मों को असल ज़िन्दगी समझकर फिर वही Aggression अपने आस पास निकालना शुरू करते हैं. हम दावे के साथ कह सकते हैं कि बचपन में अधिकतर लोगों ने WWE देखकर अपने Cousins के साथ Same चीज़ Copy करने की कोशिश की ही होगी. खतरनाक Stunts भी किए होंगे. अर्थात् ये Clear होता है कि बच्चें जैसा देखते हैं वैसा बनते हैं और वैसा Behave भी करते हैं.
RED ALERT
आजकल के OTT Platforms पर Web Series/Movies में Extreme खून खराबा दिखाया जाता है और बच्चे भी यह सब गंदगी देखते हैं. आखिर इतना Extreme Violence दिखाने के पीछे का उद्देश्य क्या है? और बच्चे हो या बड़े-हम आखिर इतना Violence देख क्यों रहे हैं?
एक समय था जब फिल्मों में गोली लगने पर थोड़ा सा खून दिखाते थे, वो भी Sauce जैसा. गोली लगना भी इतना Violently नहीं दिखाया जाता था. आज तो मारकाट के भयानक और क्रूर Scenes दिखाए जा रहे हैं. क्या हम चाहते हैं कि हमारे आस-पास ऐसा कुछ हो? नहीं Right. तो जो हम चाहते नहीं वो देख क्यों रहे हैं.
हमें ऐसा लगता है कि इसका असर Street Fights में भी हो रहा है. छोटी छोटी बात पर लोग एक दुसरे का खून कर देना चाहते हैं. आखिर इतना Aggression आ कहा से रहा है? छोटे छोटे बच्चे हत्या कर रहे हैं, दुष्कर्म कर रहे हैं. Exposure to Violence and Vulgarity एक बहुत बड़ा कारण हमें लगता है.
Self Introspection
एक तरफ जीवदया प्रेमी नेमिनाथ दादा के हम गीत गाते हैं दूसरी तरफ खून खराबा देखते हैं. Isn’t this hypocrisy? हमारे भगवान तो करुणा के भण्डार है. उन्हें Violence बिलकुल भी पसंद नहीं है. तो जो उन्हें पसंद नहीं है वो हम क्यों देख रहे हैं और वैसा हम क्यों बन रहे हैं? जिस Violence के Exposure से अनेकों की हत्याएं हो रही है, हम उसे देखकर उसे बढ़ावा क्यों दे रहे हैं? और बढ़ावा देने से क्या इन हत्याओं में Indirectly हम योगदान नहीं दे रहे हैं?
Violence देखकर हमारे अंदर Aggression बढ़ता ही है, हमारे मन के कोमल परिणामों पर भी भयानक असर होता है. क्षमा चाहते हैं लेकिन होटों से जय नेमिनाथ जय नेमिनाथ और ह्रदय में Violence. नेमिनाथ दादा और Violence एक साथ नहीं रह सकते. हमें हमारे दिल में यदि प्रभु को लाना है तो Violence को निकलना ही पड़ेगा.
Solution
हमें यह समझना होगा कि हिंसा असल जीवन में मजेदार नहीं है, दो लोग रोड पर प्रेम से बात कर रहे होंगे तो कोई देखता नहीं है, लेकिन दो लोग लड़ाई करें तो भीड़ इकट्ठा हो जाती है. क्यों? क्योंकि हमें Violence में Interest है. हमारे इसी गलत Interest का फायदा उठाया जा रहा है. अब हमें हमारा Interest Change करना होगा, Spiritual Books पढ़ सकते हैं, व्याख्यान सुन सकते हैं, परिवार के साथ-कल्याण मित्रों के साथ समय बिता सकते हैं, Skills सीख सकते हैं, लेकिन ये सब तब तक Possible नहीं होगा जब तक हम Web Virti को अपना ना ले.
भगवान श्री महावीरस्वामी के निर्वाण के 2550 वर्ष के निमीत्त Vulgarity, Violence & Wastage of Time से बचने के लिए विश्वभर से सैंकड़ों की संख्या में Web Virti से जुड़ने का यह Online Campaign है.
www.hrudayodgaar.com Website पर जाकर Form भरकर – 50 दिन, 50 हफ्ते, 50 महीने अथवा 50 वर्ष के लिए Web-Series का त्याग करना होगा. 25th November 2024 के दिन प्रभु महावीर का दीक्षा कल्याणक दिवस है. इस दिन से Web Virti शुरू होगी, सभी तरह के OTT Platforms एवं उन पर आ रही अश्लीलता भी साथ में आ गई यह समझना है.
Web Virti का नियम लेनेवालों में से Lucky Winners को 5 लाख रुपयें तक के इनाम दिए जाएंगे !