शत्रुंजय तीर्थ Hotel Culture से खतरे में.
पलिताना में ताज होटल के आने से पालिताना की पवित्रता को क्या होगा?
अभी हाल ही में पालिताना से संबंधित एक News आई है कि पालिताना में Indian Hotel Company Limited IHCL जो Taj Group Hotels के नाम से भी Famous है, वो 65 Rooms की एक होटल पालिताना में खोलने जा रहे हैं.
इसके लिए उन्होंने पालिताना के ठाकुर का प्राचीन हवा महल जो राजकोट के राजवी परिवार के महामहिम श्री मान्धाता सिंह जी ने करीबन 15 वर्ष पहले खरीदा था उनके साथ IHCL Collaboration में, Partnership में यह होटल खोलने जा रहे हैं.
Simple Language में कहे तो प्राचीन हवा महल को Renovate करके Luxurious Hotel खोलने जा रहे हैं.
इस होटल में Restaurant, Gym, Pool, Spa Etc ऐसा बहुत कुछ होगा. Social & Wedding Events भी Taj Hotel के Focus पर है. यह News विश्व भर के जैनों के लिए चिंता का विषय बन गया है.
आइए इस Detailed Article के माध्यम से जानते हैं कि ऐसा क्या कारण है कि जैन इसके Oppose में हैं और इस Hotel Culture से हमारे महातीर्थ पर क्या Impacts आ सकते हैं और कैसे इन Impacts से हम बच सकते हैं.
ये Article सभी तक पहुंचना बहुत आवश्यक है, इस विषय को Please गंभीरता से लीजिएगा. इस पूरे विषय को सिर्फ 5 Chapters में बहुत सरल भाषा में जानने का प्रयास करेंगे. साथ ही उन जगहों की भी बात करेंगे जो पहले Spiritual Places थी और जब उन्हें Tourism के साथ जोड़ दिया गया तब उन जगहों का क्या हाल हुआ वो भी जानेंगे.
Significance Of Palitana In Jainism
पालिताना जिसे शत्रुंजय, गिरिराज ऐसे अलग अलग नामों से भी जाना जाता है. यह शत्रुंजय गिरिराज मनुष्य के लिए जन्म-मरण से मुक्ति पाने का सबसे Easy Spot है ऐसा कह सकते हैं. अनंता अनंत आत्माएं यहाँ से मोक्ष को प्राप्त हुई है.
इसीलिए इस महातीर्थ को सिद्धाचल एवं मुक्तिनिलय के नाम से भी जाना जाता है.

यह सिर्फ तीर्थ नहीं बल्कि महातीर्थ है. ऐसा कहा जाता है कि अन्य तीर्थ की यात्रा करने से जो फल मिलता है, उससे 100 गुना ज्यादा फल इस परम पवित्र श्री शत्रुंजय तीर्थ की यात्रा करने से मिलता है.
इस तीर्थ की महिमा के बारे में बोलने जाए तो 24 घंटे तो क्या पूरी लाइफ कम पड़ जाएगी, इतना समझ लीजिए कि जैनों के सबसे ज्यादा Emotions, Sentiments इस शाश्वत शत्रुंजय तीर्थ के साथ जुड़े हुए हैं, यह सिर्फ तीर्थ नहीं बल्कि हम जैनों का प्राण है, हम जैनों की आस्था का सबसे बड़ा केंद्र है.
Palitana Tirth or Tourism Spot?
गुजरात राज्य में Spiritual Tourism Project के अंतर्गत यात्राधामों का विकास करने की कोशिश की जा रही है. इसी उद्देश्य से यहाँ पर Taj Hotel लाइ जा रही है. Spirituality यानी आध्यात्मिकता और Tourism यानी पर्यटन-ये दोनों एक साथ चल नहीं सकते. It is impossible.
ये हम हवा में नहीं बोल रहे हैं Facts के साथ आगे Discuss करेंगे.
Difference Between Tirth & Tourism.
पालिताना की बात करें तो यह पावन पवित्र भूमि पर विश्व भर से यात्रिक यहाँ की पवित्र ऊर्जा ग्रहण करके परमात्मामय बनने आते हैं. हर प्रकार के सुख, सुविधाएं, आलस, भोग विलास आदि छोड़कर City की भागदौड़ वाली Life कुछ समय के लिए छोड़कर इधर Detachment के लिए आते हैं.
यात्रिक यात्रा के द्वारा अपनी आत्मा का साक्षात्कार करने आते हैं, अपनी आत्मा को सुनने के लिए, अपने आप से बात करने आते हैं. तीर्थ भूमि पर कई नियम होते हैं, उनका पालन सभी को करना पड़ता है.
सैंकड़ों जैन तो ऐसे हैं जो शत्रुंजय पर्वत पर पानी तक नहीं पीते और इस भूमि पर कई सारे व्रत नियमों का पालन करते हैं, दुर्गम तपस्यायें करते हैं क्योंकि यह भूमि असंख्य ऋषि, मुनि, तपस्वियों की कठिन से कठिन साधनाओं से Charged भूमि है और इसलिए यहाँ यात्रिकों को साधना करने के लिए असामान्य बल मिलता है.

Whereas Tourist-Tourism के लिए आते हैं. मौज शौक, Entertainment, Honeymoon, Fun etc के लिए आते हैं. उन्हें सब सुख सुविधाएं चाहिए होती है. एक Tourist कहीं भी Enjoy करने के लिए घूमने जाता है.
उसको आत्मा से, साधना से कोई लेना देना नहीं होता. Tourism में तो भोग विलास की सब चीज़े आती है. Tourists के लिए Tourism के Spots पर ना के बराबर नियम कायदें होते हैं, क्योंकि वहां पर Focus साधना नहीं बल्कि मौज शौक पूरे करने पर होता है, लक्ष्य आत्मा को तृप्त करने का नहीं बल्कि शरीर को तृप्त करने का होता है.
देश विदेश में ऐसे अनगिनत स्थल है, Tourism के, Adventure के अनेक Spots है, लेकिन मनुष्य को Materialistic चीज़ों से दूर करने के लिए, Detachment के लिए, मोक्ष की, परमपद की प्राप्ति के लिए बहुत ही कम धार्मिक स्थल है जैसे कि महातीर्थ भूमि पालिताना.
हर जगह की अपनी एक अलग पवित्रता होती है और उस पवित्रता को Preserve करने भी उतना ही Important होता है. जिन Spiritual Places को Tourism के Angle से देखा गया उनका क्या हुआ वो हम आगे जानेंगे फिर तो सबकी आँखें खुल जाएगी.
The Appeal Of Jain Community
श्री मुंबई जैन संघ संगठन, समग्र जैन श्वेताम्बर मूर्तिपूजक तपागच्छ श्री संघ, अहमदाबाद, सूरत, पूना, भावनगर, वड़ोदरा, चेन्नई, बैंगलोर इत्यादि संघो के Federation ने संगठित होकर लाखो जैनों की और से गुजरात राज्य की सरकार से अनुरोध किया है.
A. Tourism को Spiritual बनाना Possible नहीं है इसलिए Tourism को भले Tourism रहने दीजिए और Spiritual Places को Please Spiritual रहने दीजिए.
Spiritual Places अथवा धार्मिक स्थल अथवा तीर्थ भूमि की पवित्रता, रक्षा, वो जिस Community का तीर्थ है उस Community के ऊपर छोड़ देना चाहिए जिससे वे अपनी संस्कृति, परंपराओं एवं शास्त्रों के अनुसार उसका विकास कर सके.
B. Pilgrimage और पर्यटन-ये दोनों की मानसिकता, उपयोगिता, Culture, हेतु बिलकुल अलग है और विपरीत भी. महान तीर्थ भूमियाँ Already कम है लेकिन Tourist Places की कोई कमी नहीं है.
इसलिए तीर्थ भूमियों पर Hotels को, Resorts को Encourage मत कीजिए क्योंकि लाखों वर्षों से करोड़ों तपस्वियों की कड़ी साधना ने यह भूमि को करोड़ों अरबो पवित्र अणु परमाणुओं से Charge की है और इसलिए यह भूमि पर आते ही यात्रिक को शांति की, आत्मा के शाश्वत सुख की अनुभूति भी हो सकती है.
इस आत्मिक सुख को छीनना उचित नहीं लगता.
कृपया आप ऐसी Spiritually Charged भूमियों को Please Hotels, Resorts, Boating, Airport, Ropeway आदि से Disturb ना करें. यात्रिक यहाँ पर अपनी मर्ज़ी से ख़ुशी-ख़ुशी सब भौतिक सुख छोड़कर आते हैं, कई दिव्यांग.. Affordable हो या नहीं हो उसके बावजूद 3-3, 4-4 घंटे जैसे तैसे अपने दम पर तीर्थ की यात्रा करते हैं.
सोचिए आखिर क्यों?
क्योंकि यहाँ पर उद्देश्य साधना है, तपस्या है, त्याग है, भोग नहीं. आप खुद सोचिए कौनसी Hotel में ये सब Possible होगा. आध्यात्मिक सुख कभी Hotels, Resorts, Boating आदि के माध्यम से प्राप्त नहीं हो सकता है.
C. मान लीजिए एक ताज होटल पालिताना में आई. इससे होटल आने का या लाने का सिलसिला यहाँ पर रुकेगा नहीं, इसके बाद एक-एक करके अलग अलग Hotels आने लगेगी.
Taj Hotels Group Tata Group की शान है, प्रतिष्ठित है. टाटा खानदान से ज़रूर विरासत में सज्जनता मिली ही होगी. Surely Taj Hotel जहाँ पर भी बनती होगी वहां की मूलभूत संस्कृति की विरासत के साथ छेड़छाड़ नहीं करती होगी, रक्षा की भी कोशिश करती होगी.
हो सकता है Taj Hotels Group जैन धर्म के सिद्धांतों को Follow करने का प्रयास करेंगे, Sentiments Hurt ना हो उसका पूरा ध्यान भी रखेंगे और ताज होटल के केस में तो हमें राजकोट के राजवी परिवार के महमहिम मान्धाताश्री जी जो पालीताना की ताज होटल में पार्टनर है उन्होंने पत्र के द्वारा जैन कोम्युनिटी को आश्वासन दिया है कि वो ताज होटल में नॉन वेज नहीं परोसेंगे, शराब नहीं परोसेंगे.
हम जैन समाज की और से श्री मन्धाताजी के बहुत आभारी भी है लेकिन पीछे से आनेवाली Hotels का क्या? Taj Hotels Group Basic सिद्धांतों का पालन कर लेंगे मान लिया, लेकिन Tourists का क्या? उनकी Guarantee कोई नहीं लेने वाला.
एक बार परंपरा शुरू होने के बाद रोकेगा कौन?
जानकारी के लिए बता दें पलिताना में Already पर्याप्त मात्रा में धर्मशालाएं मौजूद है. लेकिन Hotels के आने के बाद कोई भी Tourist धर्मशाला में रुकेगा नहीं क्योंकि धर्मशाला में तो इस तीर्थ की पवित्रता को बचाकर रखे ऐसे अनेकों नियमों का पालन करना होता है. Hotels में ये Possible ही नहीं होगा.
Social & Wedding Events भी Taj Hotel के Focus पर है.
अब आप सोचिए पालिताना तीर्थ भूमि को कुछ लोग Destination Wedding के तौर पर देखेंगे ये कितना उचित लगता है आप खुद सोचिए. जहां आकर अनेकों लोग आजीवन ब्रह्मचर्य का नियम लेते हैं,उस पवित्र महातीर्थ की भूमि पर शादी, ब्याह और आडंबर क्या शोभा देगा?
Hotels की यह परंपरा तीर्थ की पवित्रता को भ्रष्ट कर सकती है, भारी नुकसान पहुंचा सकती है और इस चीज से प्रत्येक जैन को सबसे बड़ी आपत्ति है.
Spiritual Places Impacted By Tourism.
Internet से हमें कुछ Data मिला है वो Please ध्यान से और गंभीरता से देखिएगा.
ये एक Video जहाँ व्यक्ति ने खुद Tweet कर लिखा है कि भारत में ऐतिहासिक हिंदू मंदिरों को पर्यटन स्थल के रूप में बदलने का परिणाम, मंदिर परिसर में बिरयानी खाई जा रही है, यहाँ Non-Veg खाया जा रहा है, मंदिर के परिसर में.
ये Video Clip जम्मू के वैष्णोदेवी देवी के मंदिर के पास का है, मंदिर में जाने का जो रास्ता है, वहां पर पर्यटकों द्वारा किस तरह से गंदगी फैलाई गई है आप खुद देख लीजिए.
Situation कितनी भयानक बन सकती है उसके लिए हमें मजबूरी में यह दिखाना पड़ रहा है. सोचिए Reels के नाम पर गंदगी को क्या हम रोक पाएंगे?
इस Video में तो एक लड़की Kedarnath जैसी साधना भूमि पर Vodka की मांग कर रही है.
July 2023 के आस पास की घटना. मंदिर को Background में रखकर लड़की लड़के को Propose कर रही है. इसके बाद तो बहुत विरोध हुआ था.
https://www.instagram.com/reel/CuHRl_9AKAc
आखिरकार श्री बदरीनाथ, केदारनाथ मंदिर समिति को कड़ा Action लेना पड़ा और मंदिर के आस-पास के Area में Smartphones को, Reels बनाने को Ban कर दिया गया.
2024 में चारधाम मंदिर परिसरों के 200 मीटर Area में मोबाइल प्रयोग करने पर पाबंदी लगाईं गई थी.
https://www.opindia.com/2024/05/char-dham-yatra-mobile-phones-banned-temple-premises
ये एक लड़की जिसने मंदिर के सामने, मुख्य द्वार पर अश्लील डांस Video बनाया था, विवाद ने तूल पकड़ा और भयानक विरोध हुआ तो इस लड़की ने माफ़ी मांगी थी.
ये तस्वीर तो बहुत Viral हुई थी. ऋषिकेश जिसे देव भूमि कहा जाता है. उधर Tourism को बढाने का परिणाम आप खुद देख लीजिए.
1952 में केदारनाथ का क्या अद्भुत माहौल था आप खुद देख लीजिए. आज के शोर शराबे में असली केदारनाथ तो जैसे कहीं खो गया है.
ये आज का माहौल. एक व्यक्ति ने तो लिखा है कि बात कडवी और दुखी करनेवाली है पर सच है. 1% Bhakt, 99% Vloggers.
अयोध्या का भी यही हाल है, Reels के चक्कर में लोग मर्यादा भूल जाते हैं और परिणाम कुछ इस प्रकार के होते हैं. Oct 2023 की ये घटना. एक महिला ने अयोध्या की भूमि पर अश्लील Reel बनाई थी जिसके बाद बहुत विरोध हुआ था.
केदारनाथ का ये Video तो सबकी आँखें खोल देगा. खुद वहां के मंदिर के पुजारी को आकर ढोल बंद करवाना पड़ा. दरअसल वहां पर कुछ लोग ढोल ताशा बजाकर Reels बना रहे थे.
12th May 2024 की आँख लाल कर दे ऐसी खबर.
केदारनाथ धाम, उत्तराखंड में 4 युवा नशा करते पकडे गए थे.
https://twitter.com/Arjun5chaudhary/status/1789469989595947251
आज क्या हाल है वो भी हम देख लेते हैं.
16th March 2025 की News देखिए. BJP के MLA ने केदारनाथ धाम के आस पास के क्षेत्रों में शराब और मांसाहार बेचने वालों पर प्रतिबंध लगाने की मांग की थी. Non-Veg और शराब की बिक्री के कारण केदारनाथ की भूमि की पवित्रता को भयानक नुकसान पहुँच रहा है और वहां के स्थानिक लोग भी अब इसका विरोध कर रहे हैं.
क्या इतना काफी नहीं बताने के लिए कि जब तीर्थ भूमि को Tourism के Angle से देखा जाता है तो कितना भयानक नुकसान होता है.
महा पवित्र श्री शत्रुंजय नदी में Fishing, Boating, गिरिराज के ऊपर Hill Trekking, Forest Area में Party करना, गिरिराज के ऊपर खाना-पीना, सॉलिड वेस्ट, लिक्विड वेस्ट से पोल्युशन की तो हमने बात ही नहीं की है, उसके लिए तो शायद पूरा एक अलग Article बनाना पड़ेगा.
Spiritual Places को Tourist Spot बनाने से Temporarily भीड़ तो आ जाएगी लेकिन ये Tourism और Spirituality दोनों साथ साथ चलना-Sustainable बिलकुल भी नहीं है. पालिताना की पवित्रता ख़त्म हो जाएगी.
ऐसी 4-6 नहीं सैंकड़ों न्यूज़ आपको मिल जाएगी जहाँ Spiritual Places को Tourism के Spot बनाकर अब सब पछतावा कर रहे हैं. क्या पालिताना तीर्थ भूमि के साथ भी ऐसा ही करना है?
क्या इधर भी अश्लीलता, गंदगी, नशा, शराब, व्यभिचार आदि लाकर तीर्थ भूमि की पवित्रता नष्ट करनी है? सिर्फ एक बार सोचिए. जो अन्य धर्म भूमियों के साथ हुआ है, क्या इधर नहीं होगा? Clearly दिख रहा है होगा ही.
Situation बिगड़ने के बाद उसका सुधार किस तरह करना वो सोचने से अच्छा है ना कि Situation बिगड़े ही नहीं वैसा कुछ किया जाए. इसलिए विश्व भर के लाखों जैनों की सबसे पहली मांग यही है कि कृपया करके हमारे पवित्र तीर्थ स्थलों को Spiritual Tourism से दूर रखा जाए, तीर्थ भूमियों में Hotels, Resorts, Tourism Culture की Entry ना कराएँ.
केदारनाथ इसका जीता जागता उदाहरण है कि पवित्रता और पर्यटन दोनों का विकास एक साथ करने से पूरा Eco-System Disturb भी होता है और बिगड़ता भी है, साथ ही पवित्रता भयानक रूप से नष्ट हो जाती है.
विश्व की कोई भी ताकत जिस पवित्रता को खरीद नहीं सकती वैसी अमूल्य पवित्रता हम हमेशा हमेशा के लिए खो सकते हैं .
आज ज़रूर ऐसे स्थानों में भीड़ होगी लेकिन पवित्रता? एक बार पवित्रता नष्ट होने के बाद उसे फिर से वापस Regenerate करना Next To Impossible हो जाता है. Ban कर करके भी आप बाद में कितना Ban कर लेंगे.
आज इस Platform के माध्यम से गुजरात की माननीय सरकार से हम एक प्रार्थना विश्व के सभी जैनों की ओर से पहुंचाना चाहते हैं.
आप कृपया करके तत्कालीन Notification के ज़रिए पूरे पालिताना, गिरनार, पावागढ़, शंखेश्वर आदि तीर्थों में, उन गाँवों में Non Veg एवं Liquor-बनाना, संग्रह करना, बेचना, Non Veg एवं Liquor खाने पीने पर कड़ा प्रतिबंध लगाकर Notification जारी कर जाहिर करना चाहिए और इसका उल्लंघन करनेवालों पर कड़ी से कड़ी सजा का प्रावधान लाना चाहिए.
Non-Veg और शराब के प्रतिबंध की परंपरा को अन्य पवित्र यात्रा धाम Follow किया जा रहा है. 2021 में UP CM श्री योगी आदित्यनाथ जी ने श्री कृष्ण जी के जन्मस्थान के 10 KM तक के Area को तीर्थ स्थल Declare किया था और वहां पर मांसाहार और शराब पर प्रतिबंध लगाया गया था.
2019 की News Report के अनुसार केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री, आदि अनेकों पवित्र भूमियों के 1.6 KMs के Limits में Liquor Banned है.
गुजरात राज्य के आदरणीय मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र भाई पटेल जी से भी दो मांगे स्वीकार करने की प्रार्थना करते हैं.
तीर्थ भूमियों की पवित्रता बचाने के लिए
A. तीर्थ क्षेत्रों में Non-Veg एवं Liquor पर Ban और इस संबंध में कड़े कानून.
B. तीर्थ क्षेत्रों को Tourism से दूर रखना है.
याद रखिए. Prevention is Better than Cure. नुकसान होने के बाद हम ज्यादा कुछ कर नहीं पाएंगे. सरकार एवं अन्य जो भी अधिकृत लोग है वे जैनों की यह मांग को गंभीरता से समझेंगे और अध्यात्मिक भूमियों को Tourist Spots बनाने से पीछे हटेंगे यह हम करबद्ध प्रार्थना करते हैं.
Development Of Palitana Taluka
कुछ लोगों को ये Article देखकर लग रहा होगा कि जैन खुद तो अमीर बनना चाहते हैं लेकिन दूसरों का विकास नहीं चाहते. ये गलत बात है.
जैन लोग Development के खिलाफ नहीं है लेकिन Spiritual Places के Exploitation के खिलाफ है. हर वर्ष लाखों जैन यात्रिक यहाँ पर आते हैं. विशेष दिनों में तो जैसे फागन सूद 13, कार्तिक पूनम, दादा की सालगिरह जैसे दिनों में तो एक ही दिन में 40-50 हज़ार लोग भी आ जाते हैं.
पालिताना तालुका की Economy सैंकड़ों हजारों वर्ष से जैनों के ऊपर Dependent है और इसी कारण से जैनों ने पूरे तालुका के गाँवों के लोगों के लिए अलग अलग Schools, Medical Facilities, Food, Employment Etc हर तरह से लोक कल्याण के लिए कार्य किया है और अभी भी कर रहे हैं और आगे भी करते रहेंगे.
वहां की महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए भी अलग-अलग विशेष योजनायें चलती रहती है. वहां के स्थानिक लोगों को रोज़गार मिले और तीर्थ की पवित्रता बनी रहे इस तरह से Balance करके जैनों की अलग अलग Organizations दिन रात एक करके उनके विकास के लिए मेहनत कर रहे हैं.
स्थानिक लोग इस विकास को देखकर बहुत बहुत खुश है और हर तरह से जैनों को सहयोग भी देते रहते हैं. तीर्थ की पवित्रता बनी रहे साथ ही आस पास के स्थानिक लोगों का विकास भी हो यह जैनों की एक दम Clear Mentality है.
अंत में सिर्फ इतना ही कहना है कि पर्यटन और पवित्रता साथ में नहीं चल सकते. पर्यटन के कारण पवित्रता नष्ट होगी ही, और बाद में हम कुछ नहीं कर पाएंगे.
Spirituality And Tourism Can’t Go Hand In Hand.
हम सिर्फ हमारे तीर्थ क्षेत्र के पवित्रता को बचाए रखने की मांग कर रहे हैं और हमारी यह प्रार्थना, यह मांग पूरी तरह से स्वीकार की जाएगी ऐसा हमें पूरा विश्वास है.
Please Note : Jain Community Opposess Hotel Culture or Tourism Culture in Spiritual Places Like Shatrunjay Tirth, Girnar Tirth, Shikharji Tirth etc. Sacred Tirths (Pilgrimage Places) are not meant to be used as a Tourism Spot. It is our Moral Duty to protect the Heritages that our Acestors have passed on to us. We have no intention of defaming any person or any organisation through this Article but this is the matter of our Maha Tirth’s sanctity and hence we have published this Article as an Awareness Call.
