Web Virti : A Digital Detox & Spiritual Reboot for a Better Tomorrow – Episode 01

वेब विरती : अश्लीलता एवं गंदगी से बचने का एक अनोखा संकल्प.

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By Jain Media 375 Views 7 Min Read

क्या आप Regularly Web-Series अथवा अश्लीलता देखते हैं?
Web Virti Episode 01 में आपका स्वागत है.

एक बार एक आचार्य भगवंत ने अपने प्रवचन में युवाओं से प्रश्न पूछा कि आप Violence अथवा Vulgarity वाली Movies क्यों देखते हो? तो युवाओं ने उत्तर दिया कि गुरुदेव हम तो Entertainment के लिए देखते हैं. आचार्य भगवंत ने पूछा कि Violence की बात बाद में करेंगे पहले यह बताओं कि Vulgarity में किस प्रकार का Entertainment है?

तो नादान युवाओं ने कहा गुरुदेव हम किसी के साथ बुरा तो कर नहीं रहे हैं, हम तो सिर्फ देख रहे हैं, देखने में क्या गलत है? तब आचार्य भगवंत ने पूछा कि क्या आपको लगता है यह बिलकुल भी गलत नहीं है? सोचकर जवाब देना फिर पलट मत जाना?युवाओं ने कहा हाँ साहेबजी देखने में कोई गलत नहीं लगता.

तब आचार्य भगवंत ने कहा फिर तो ठीक है कोई व्यक्ति आपकी माँ, बहन, बेटी, पत्नी को इसी तरह देखेगा तो आपको भी बुरा नहीं लगेगा ना? युवा भड़क गए कि गुरुदेव आप ऐसा कैसे कह सकते हैं यह तो बहुत गलत बात है, हमारी माँ, बहन, बेटी, पत्नी को कोई इस प्रकार से देखें यह हम कैसे सहन कर सकते हैं?

तो आचार्य भगवंत ने कहा कि आप Web-Series आदि Online OTT Platforms पर जो Vulgarity देख रहे हैं, उसमें आनेवाली महिला भी तो किसी की माँ, बहन, बेटी है. आप अपनी माँ, बहन, बेटी, पत्नी को उस अवस्था में सहन नहीं कर सकते तो अन्य की माँ, बहन, बेटी, पत्नी को उस अवस्था में कैसे देख सकते हो? 

आचार्य भगवंत ने आगे कहा कि भले कानून सिर्फ शारीरिक पाप को पाप मानता होगा लेकिन कुदरत मानसिक पाप को भी पाप मानती है और उसका भी हिसाब होता है. क्या अश्लीलता देखकर मन में पाप नहीं आता? बिलकुल आता है. जब मन में अश्लीलता, गंदगी, या वासना वाले विचार चलेंगे तो क्या शील का भंग नहीं होता? बिलकुल होता है. सब युवा चुप हो गए.

हमें इस ग़लतफ़हमी से दूर हो जाना चाहिए कि गंदा देखने से शील का भंग नहीं होता. गंदा करने से, गंदा बोलने से एवं गंदा सोचने से भी शील भंग होता है. यह वो भारत भूमि है जहाँ भगवान महावीर हुए, मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम हुए, एक सीता माता को बचाने के लिए भीषण युद्ध हुआ, ऐसा कहा जाता है कि लाखों करोड़ों आत्माओं ने अपना बलिदान दिया किसके लिए? एक स्त्री की शील की रक्षा के लिए.

सीता माता से जब पूछने में आया कि आप रावन को Surrender हो जाओ ना, आप Surrender होंगे तो सिर्फ आपको अकेले को Compromise करना पड़ेगा, आप नहीं मान रहे हैं तो लाखों का कत्लेआम होगा लेकिन तब सीता माता ने उत्तर दिया था कि आज यदि लाखों लोगों को बचाने के लिए भी यदि मैं Surrender हो गई तो भी भविष्य में करोड़ों नारियां अपने शील रक्षा के बारे में नहीं सोचेगी, उनके लिए यह आलंबन हो जाएगा कि सीता माता भी यदि अपने शील को Surrender कर सकती है तो फिर हम क्यों नहीं? 

Calculation देखिए एक स्त्री की रक्षा के लिए करोड़ों का कत्लेआम भी इतिहास को मंज़ूर था. यानी प्राण से भी ऊपर है शील. लेकिन आज क्या हो रहा है? 

पैसों के लालच में कुछ घटिया लोग अश्लील फ़िल्में बनाकर युवाओं को बर्बाद कर रहे हैं. उन्हें यह नहीं पता है कि वे लोग खुद का तो भयानक नुकसान कर ही रहे हैं लेकिन साथ ही साथ लाखों नहीं बल्कि करोड़ों लोगों का नुकसान कर रहे हैं. वे लोग तो अपनी फ़िल्में बनाकर, पैसा कमा लेते हैं लेकिन इनके कारण मासूम बच्चियों का जीवन खतरे में आ चुका है. 

OTT Platforms के माध्यम से जो अश्लीलता परोसी जा रही है इसके कारण युवा वर्ग अपना Time, Money, Energy, Focus, Concentration, Health, Relations, Future, Character आदि सब बिगाड़ रहा है. हम भाइयों से भी कह देते हैं-किसी स्त्री पर हमला करके उसके साथ दुष्कर्म करने में कोई मर्दानगी नहीं है. स्त्री के प्रति वासना जगाने में मर्दानगी नहीं है. अपनी वासनाओं को Control करने में असली मर्दानगी है.

हम बहनों को भी कह देते हैं-इतिहास पढ़ने जाए तो अनेकों युद्ध स्त्री के शील की रक्षा के लिए हुए हैं, अनेकों रानियों ने अपने शील की रक्षा के लिए अपने शरीर को हँसते हँसते अग्नि को सौंप दिया. चंद पैसों के लिए इस तरह की गंदगी में पड़ना अथवा कुछ समय के “SO CALLED ENTERTAINMENT” के लिए किसी अन्य पुरुष और स्त्री की अश्लीलता देखना यानी हमारे उन पूर्वजों को तमाचा मरने जैसा है.

प्रश्न यह है कि क्या हम हमारे शील की रक्षा के साथ साथ हमारे माँ, बहन, बेटी, पत्नी आदि के शील की रक्षा करना चाहते हैं? अगर हाँ तो सबसे पहले हमें इस गंदगी से दूर होना होगा. प्रभु महावीर को याद करें तो प्रभु ने यह वासनाओं का त्याग किया, अपनी इंद्रियों पर नियंत्रण किया, तभी तो वे विश्वविजेता बने. 

भगवान श्री महावीरस्वामी के निर्वाण के 2550 वर्ष के निमीत्त Vulgarity, Violence & Wastage of Time से बचने के लिए विश्वभर से सैंकड़ों की संख्या में Web Virti से जुड़ने का यह Online Campaign है. इस QR Code को Scan करके अथवा Hrudayodgaar.com Website पर जाकर Form भरकर-50 दिन, 50 हफ्ते, 50 महीने अथवा 50 वर्ष के लिए Web-Series का त्याग करना होगा. इसे हम Web-Virti कहेंगे. Virti यानी अटकना, रुकना. 

25th November 2024 के दिन प्रभु महावीर का दीक्षा कल्याणक दिवस है. इस दिन से Web Virti शुरू होगी. सभी तरह के OTT Platforms एवं उन पर आ रही अश्लीलता भी साथ में आ गई यह समझना है. Web Virti का नियम लेनेवालों में से Lucky Winners को 5 लाख रुपयें तक के इनाम दिए जाएंगे. 

To Register for Web Virti Visit : https://hrudayodgaar.com/boycottwebseries/

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