19वे तीर्थंकर श्री मल्लिनाथ भगवान का अद्भुत स्तवन “मल्लिजिन! नाथजी व्रत लीजे..” पंचम सुरलोकना वासी रे, नव लोकांतिक सुविलासी रे,करे विनती गुणनी राशि रे, मल्लिजिन!…
मंदिर छो मुक्तितणा, मांगल्य क्रीडाना प्रभु!ने इन्द्र नर ने देवता, सेवा करे तारी विभु!सर्वज्ञ छो स्वामी वळी, शिरदार अतिशय सर्वना,घणुं जीव तुं, घणु जीव तुं,…
त्रिशला नंदन श्री महावीरस्वामी भगवान का अलौकिक स्तवन“वीर वहेला आवोने..” वीर.. वीर.. वीर..महावीर.. वीर.. वीर..महावीर.. वीर.. वीर..महावीर.. महावीर.. (x2) वीर वहेला आवोने, गौतम कही…
प्रभु वीर केवलज्ञान कल्याणक और शासन स्थापना दिवस का अद्भुत स्तवन “वीर जिणंद जगत उपकारी” वीरजिणंद जगत उपकारी, मिथ्याधाम निवारीजी.. (x2)देशना अमृतधारा वरसी (x2), पर…
नवपद ओलीजी में सुने जानेवाला श्रीपाल राजा रास की अंतिम ढाल "तूठो तूठो रे, मुझ साहिब जगनो" तूठो तूठो रे, मुझ साहिब जगनो तूठो… तूठो तूठो…
सद्गुरु परमात्मा सद्गुरु परमात्मा, मारो एकज नाथ, तारा शरणमां रहेवुं मने हवे, छोडुना तारो साथ.. तारी…
श्री नेमिनाथ प्रभु की आरती जय जय आरती नेमिजिणंदा, समुद्रविजय शिवादेवीको नंदा... (1) पहेली आरती…
रैवतगिरि समरुं सदा, सोरठ देश मोझार, मानवभव पामी करी, ध्यावुं वारंवार... (1) सोरठदेशमां संचर्यो, न…
पत्थर जैसी हमारी आत्मा को मक्खन जैसा बनाने का काम यह सज्झाय करती है. 1600…
22वे तीर्थंकर श्री नेमिनाथ भगवान का अद्भुत स्तवन “परमातम पूरणकला” परमातम पूरणकला, पूरणगुण हो पूरण जन…
Sign in to your account