19वे तीर्थंकर श्री मल्लिनाथ भगवान का अद्भुत स्तवन “मल्लिजिन! नाथजी व्रत लीजे..” पंचम सुरलोकना वासी रे, नव लोकांतिक सुविलासी रे,करे विनती गुणनी राशि रे, मल्लिजिन!…
"Rijho Rijho Shri Veer Dekhi Shasan Na Shirtaaj.." Almost 350 Years Old Prachin Jain Paryushan Stavan. रीझो रीझो श्री वीर देखी, शासनना शिरताज।हरखो हरखो आ…
वैशाख सुदी 10 के दिन भगवान महावीर स्वामी को ऋजुवालिका नदि के किनारे गोधूलीका आसन में केवलज्ञान हुआ था। इस अद्भुत कल्याणक के निमित्त यह…
मंदिर छो मुक्तितणा, मांगल्य क्रीडाना प्रभु!ने इन्द्र नर ने देवता, सेवा करे तारी विभु!सर्वज्ञ छो स्वामी वळी, शिरदार अतिशय सर्वना,घणुं जीव तुं, घणु जीव तुं,…
16वे तीर्थंकर, हस्तिनापुर मंडन श्री शांतिनाथ भगवान का मनमोहक स्तवन “सुणो शांतिजिणंद! सोभागी, हुं तो थयो छुं तुम गुणरागी…” सुणो शांतिजिणंद! सोभागी, हुं तो थयो छुं…
सद्गुरु परमात्मा सद्गुरु परमात्मा, मारो एकज नाथ, तारा शरणमां रहेवुं मने हवे, छोडुना तारो साथ.. तारी…
श्री नेमिनाथ प्रभु की आरती जय जय आरती नेमिजिणंदा, समुद्रविजय शिवादेवीको नंदा... (1) पहेली आरती…
रैवतगिरि समरुं सदा, सोरठ देश मोझार, मानवभव पामी करी, ध्यावुं वारंवार... (1) सोरठदेशमां संचर्यो, न…
नवपद ओलीजी में सुने जानेवाला श्रीपाल राजा रास की अंतिम ढाल "तूठो तूठो रे, मुझ…
पत्थर जैसी हमारी आत्मा को मक्खन जैसा बनाने का काम यह सज्झाय करती है. 1600…
प्रभु वीर केवलज्ञान कल्याणक और शासन स्थापना दिवस का अद्भुत स्तवन “वीर जिणंद जगत उपकारी”…
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