Cancer भी नहीं तोड़ सका इस व्यक्ति की हिम्मत.
‘हे भगवान, मेरे साथ ही ऐसा क्यों होता है?’
अगर हमारे Life में कोई Hardships से, मुश्किलों से अगर हम परेशान हैं?
तो ये Article हमारे लिए है.
बने रहिए इस Article के अंत तक.
“जब जीवन तुम्हें नींबू देता है, तो नींबू पानी बना लो.”
आज हम आपको ऐसे ही एक व्यक्ति के जीवन के बारे में बताएँगे, जिन्होंने इस कहावत को सच करके बताया है. उन्होंने Cancer जैसी गंभीर बीमारी से लड़ते हुए भी भगवान पर से अपनी श्रद्धा नहीं खोई.
तो आइए जानते हैं सिकंदराबाद निवासी कैलाश भाई और उषा बहन के सुपुत्र सुश्रावक संकेश भाई (Shankhy) की Inspirational Life Story.
Cancer की शुरुवात
संकेश भाई को पिछले 3 साल से Cancer है. उनके लगभग 6 Operations और 1 बार Chemotherapy भी हो चुकी है. लेकिन इन सब की शुरुवात कहाँ से हुई?
तो वर्ष 2020 यानी Coronavirus का कहर. उसी दौरान संकेश भाई को भी Covid हुआ और हालत ज्यादा खराब होने से उन्हें 3 दिन तक Ventilator पर रखा गया. उस समय Doctors का कहना था कि संकेश भाई का बचना लगभग Impossible है.
लेकिन परमात्मा की असीम कृपा हुई और 3 दिन बाद संकेश भाई को Finally होश आया. होश आने के बाद जब Doctors ने संकेश भाई की Full Body Examine की यानी जांच की तब पता चला कि उनका Liver काफी हद तक Damage हो चुका है.
तब Doctors ने उनको Liver Transplant करवाने का Suggestion दिया और परिवारवालों ने भी किसी भी तरह संकेश भाई को बचाने के लिए Liver Transplant के लिए हाँ बोल दिया.
Liver Transplant से पहले जब उनकी Liver के Tests किए गए तो पता चला कि Liver में 1st Stage के Cancer वाली गाँठ है और इसलिए अब पहले Cancer का Treatment करना आवश्यक हो गया.
Cancer का Treatment शुरू होने के 10 दिन बाद ही पता चला कि संकेश भाई के Liver में एक और गाँठ Form हो गई है और पहली गाँठ का Cancer, 3rd Stage पर आ गया है. संकेश भाई का Treatment जारी रहा.
उस समय हम सोच भी नहीं सकते, उतनी शारीरिक पीड़ा को, तकलीफ को संकेश भाई सहन कर रहे थे. Daily खून की उल्टियां होना, पूरा शरीर सूज जाना यानी Swelling आ जाना और Treatment के दौरान Daily 10 Steroids संकेश भाई को दिए जाते थे.
जिन्होंने Steroids लिए हैं, उन्हें पता होगा कि कितनी Strong Medicine होती है. संकेश भाई को लगभग 1.5 Years तक सिर्फ तरल पदार्थ यानी Liquids जैसे Glucose या Vitamin Powder आदि ही दिया गया था.
Will Power हो तो ऐसा
संकेश भाई शारीरिक और मानसिक तकलीफ से गुजरते हुए भी अपना Cancer का Treatment करवा रहे थे. उसी दौरान वर्ष 2022 में Doctors ने उन्हें बताया कि उनकी Liver में Cancer की तीसरी गाँठ भी Form होना शुरु हो चुकी है. अभी तक मन को Strong रखे हुए संकेश भाई, यह सुनकर थोड़े निराश होने लगे.
हर व्यक्ति के जीवन में कभी ना कभी एक Point ऐसा आता है, जब वह जीवन में हो रही तकलीफों से परेशान हो जाता है, हताश हो जाता है और कई बार गलत कदम भी उठा लेता है लेकिन अगर उस समय में उसे सही व्यक्ति से, सही Guidance मिले तो वह सभी तकलीफों से ऊपर उठ सकता है और ऐसा ही कुछ संकेश भाई के साथ भी हुआ.
हताश हुए संकेश ने उनकी गुरु माँ यानी पूज्य केसरसूरिजी समुदाय के प.पू. साध्वीजी भगवंत श्री कीर्तनप्रभाश्रीजी म.सा. से उनकी परिस्थिति के बारे में बात की और साध्वीजी भगवंत ने उन्हें समझाते हुए हितशिक्षा दी और कहा कि ‘परमात्मा की खूब आराधना करना.’
साध्वीजी भगवंत की बात सुनकर संकेश भाई Motivate हुए और वे आंध्रप्रदेश के कर्नूल शहर में जहाँ पर उनके गुरुमाँ साध्वीजी श्री कीर्तनप्रभाश्रीजी म.सा. चातुर्मास के लिए विराजमान थे, वहां उनकी निश्रा में आराधना करने चले गए.
पर्युषण महापर्व आया और संकेश भाई को अट्ठाई यानी Non Stop 8 उपवास करने की इच्छा हुई. यह हम Cancer से ग्रसित व्यक्ति की बात कर रहे हैं. पू. साध्वीजी भगवंत ने संकेश भाई की Medical Condition को देखते हुए उन्हें मना किया लेकिन संकेश भाई ने कहा कि वे 1-1 उपवास का ही पच्चक्खान लेंगे और पर्युषण के पहले दिन उन्होंने चौविहार उपवास किया यानी बिना पानी पीये उपवास किया.
संकेश भाई चौविहार उपवास करते रहे और इस तरह उन्होंने 1-1 करके 5 चौविहार उपवास कर लिए. अर्थात् 5 Days Without Food and Water. 6th Day साध्वीजी भगवंत ने उनकी तबियत देखते हुए उन्हें दोपहर तक पच्चक्खान नहीं दिया.
संकेश भाई की Health Deteriorate हो रही थी इसलिए Doctor को बुलवाया गया. तभी उन्हें खून की उल्टियां होना शुरू हुई और उन्हें Hospital ले जाया गया. Testing होने के बाद पता चला कि उनकी Liver में जो तीसरी गाँठ Form हो रही थी, वो फुट गई है.
इतनी बड़ी News ने भी संकेश भाई के Will Power को, उनके संकल्प को, उनकी मक्कमता को कमजोर नहीं होने दिया. सभी के बहुत मनाने पर भी संकेश भाई ने पारणा नहीं किया और चौविहार अट्ठाई यानी 8 उपवास किए.
9th Day यानी पारणे वाले दिन पूज्य साध्वीजी भगवंत को गोचरी वहोराकर और खुद एक घूँट पानी से पारणा करके Hyderabad के लिए रवाना हो गए और Hyderabad में उन्हें Hospital में Admit करके उनका Dialysis किया गया यानी शरीर का पूरा खून बदला गया.
नेमी समर्पण
हम सभी की तरह ही संकेश भाई भी 22वे तीर्थंकर श्री नेमिनाथ भगवान के बहुत बड़े भक्त हैं. संकेश भाई ने यह तय किया कि उन्हें उनका जीवन नेमिनाथ दादा के चरणों में समर्पित करना है और संसार में नहीं रहकर जल्द से जल्द संयम यानी दीक्षा लेने का भाव रखना है.
वर्ष 2024 में पूज्य भुवनभानुसूरिजी समुदाय के परम पूज्य दीक्षा दानेश्वरी आचार्य भगवंत श्री गुणरत्न सूरीश्वरजी महाराज साहेब के शिष्यरत्न प.पू. आचार्य भगवन्त श्रीमद् विजय जिनेशरत्न सूरीश्वरजी महाराज साहेब की निश्रा में गिरनार महातीर्थ की नव्वाणु (99) यात्रा का आयोजन किया गया था.
संकेश भाई को जब इस आयोजन के बारे में अपने परम कल्याण मित्र हितेश भाई से पता चला तब उन्हें भी नव्वाणु करने का भाव हुआ और उन्होंने अपनी Physical Problems को Side में रखकर नेमिनाथ दादा का नाम लेकर नव्वाणु का Form भर दिया.
बहुत ही उत्साह और श्रद्धा के साथ संकेश भाई अपनी बहन आशिकाजी के साथ गिरनारजी महातीर्थ पहुंचे. नव्वाणु यात्रा के पहले दिन उन्हें कई तरह की तकलीफें हुई लेकिन उन सभी को Ignore करके, Mentally Strong रहकर संकेश भाई ने पूज्य आचार्यश्री से कहा कि
‘गुरुदेव! अगर मुझे मेरे नेमिनाथ दादा के दरबार में प्राण भी त्यागने पड़े, तो भी मुझे मंजूर है लेकिन नव्वाणु यात्रा तो करनी ही है.’
नव्वाणु के दौरान संकेश भाई Daily 2-3 बजे तक 4-5 यात्रा करते थे और परमात्मा की सेवा-पूजा-क्रिया आदि करना एवं उसके बाद उनके अपने कल्याण मित्र हितेश भाई, हसमुख भाई और अन्य सदस्य के साथ पेढ़ी पर सेवा देकर ही नीचे उतरते थे. नीचे भी आकर Rest तो बिल्कुल नहीं बस सभी आराधकों की सेवा मे लगे रहते थे.
बीमारी नहीं खुमारी
नव्वाणु के 4th Day संकेश भाई को इच्छा हुई कि उन्हें चौविहार छट्ठ करके यात्रा करनी है. चौविहार छट्ठ यानी बिना भोजन और पानी के Non Stop 2 उपवास करना और उसमें यात्रा करना. नेमिनाथ दादा और गुरु भगवंत की असीम कृपा से संकेश भाई ने चौविहार छट्ठ करके 9 यात्रा पूर्ण की लेकिन कर्मसत्ता ने एक बार फिर संकेश भाई की परीक्षा ली.
छट्ठ का पारणा होने के बाद संकेश भाई को बहुत दर्द होने लगा और Test करवाने पर पता चला कि शरीर में गरमी ज्यादा होने से उन्हें Chickenpox हो गया है, जिसके कारण संकेश भाई को 3 दिन के लिए Quarantine में रखा गया.
लेकिन जिस व्यक्ति का मन Strong होता है, Will Power Strong होता है, वह छोटी या बड़ी Problems से डरता नहीं है बल्कि उन Problems को Challenge करता है और ऐसा ही कुछ संकेश भाई ने भी किया.
देव-गुरु-धर्म पर अटूट श्रद्धा रखनेवाले संकेश भाई को Quarantine से बाहर आने के बाद पता चला कि प.पू. मुनिराज श्री हेमरत्नविजयजी म.सा. का दीक्षा दिवस है और 3 दिन बाद मुनिराज श्री को गुरु समर्पण में कुछ Gift देना है.
उस समय संकेश भाई ने कुछ सोचा और गुरु भगवंत के पास उपवास का पच्चक्खान लेकर उस दिन 7 यात्रा की. जी हाँ उपवास करके 7 यात्रा. अगले दिन फिर से उपवास का पच्चक्खान लिया और 3 यात्रा की यानी छट्ठ करके 10 यात्रा की, गिरनार की, वो भी Cancer जैसी Health Complications के साथ.
नीचे आकर जब उन्होंने आचार्य भगवंत से आशीर्वाद लिए तब पूज्य आचार्य श्री ने उन्हें कहा कि ‘आपकी शारीरिक परिस्थिति तो हम जानते हैं लेकिन आप अगली बार अट्ठम करके यानी Non Stop 3 उपवास करके 11 यात्रा करने की भावना रखना.’
बस, पूज्यश्री द्वारा दी गई प्रेरणा को Accept करके संकेश भाई वह यात्रा Continue की अगले दिन बिना किसी को बताए यात्रा के लिए चले गए और दादा के दरबार का द्वार उद्घाटन भी किया.
पूज्य आचार्यश्री जब यात्रा के लिए ऊपर आए तब संकेश भाई ने उपवास का पच्चक्खान लिया ये तीसरे उपवास का पच्चक्खान था और यात्रा पूरी करके नीचे आए और इस तरह से उन्होंने अट्ठम करके (Non-Stop 3 उपवास) 11 यात्रा Complete की.
जानकारी के लिए बता दें कि संकेश भाई शासन के लिए भी अद्भुत रूप से समर्पित हैं. उनका Passion Photography है, उसे भी वे सिर्फ शासन के लिए ही करते हैं, जैसे किसी भी संघ में या शासन का कोई भी Program हो या फिर किसी भी मुमुक्षु भाई-बहन की दीक्षा हो, वे निःस्वार्थ भाव से सेवा देते हैं.
Miraculuous Journey
संकेश भाई के Liver में अभी भी 2 Cancer Tumours हैं. बीच में एक बार यात्रा के दौरान उन्हें Blood Vomiting हुई और उन्हें Junagadh Hospital ले जाया गया. वहां पर Doctor ने सभी को बताया कि ‘संकेश भाई की जो हालत है, उसमें वे जो नव्वाणु यात्रा, तपस्या आदि कर रहे हैं वो किसी Miracle से कम नहीं है.
19th December 2024 के दिन जब सुबह 3 यात्रा करके आए और परम पूज्य आचार्य भगवंत श्री हेमवल्लभ सूरीश्वरजी महाराज साहेब के दर्शन हुए एवं उस पेढ़ी पर संकेश भाई वंदन करने गए और वही पर उन्हें भाव हुए और छट्ठ का पच्चक्खान ले लिया और फिर से छट्ठ करके 9 यात्रा करके अपनी नव्वाणु गुरुदेव की निश्रा मे पूर्ण की.
भविष्य में क्या लिखा है हमें नहीं पता लेकिन ऐसा लगता है कि संकेश भाई जिस तरह अपनी Physical Problems के साथ भी अपने Will Power को Strong रखकर, परेशानियों के आगे घुटने टेककर रोते रहने की बजाय डटकर उसका सामना कर रहे हैं, वह परमात्मा की साक्षात् उनके ऊपर कृपा ही है,
इस हार ना माननेवाले Attitude को, इस अद्भुत मन की समाधि को ही हम चमत्कार कहते हैं. कई लोग जीवन में तकलीफ आने पर भगवान को कोसते हैं, उनसे सवाल करते हैं, कुछ लोगों का तो भगवान पर से विश्वास ही उठ जाता है, श्रद्धा ख़त्म हो जाती है.
ऐसे में संकेश भाई की कहानी उन सभी के लिए एक Inspiration जैसे है. हम नेमिनाथ दादा से यही प्रार्थना करते हैं कि संकेश भाई शाता और समाधी भाव में रहे, उनका Will Power बढता रहे और वे जल्द से जल्द स्वस्थ होकर मोक्ष लक्ष्य में आगे बढ़े.