12 जून 2025 को Air India की Flight जो Ahmedabad से London जा रही थी वो Crash हुई और कई लोगों की जान गई.
पूरा देश इस घटना से दुखी है.
पीड़ित परिवारों के दुःख में पूरा देश शामिल है.
यह Flight Crash हमें बहुत सी चीजें सीखाकर जाती है. “शांतसुधारस” नामक एक जैन ग्रंथ में पूज्य विनयविजयजी महाराज साहेब ने बहुत ही सोचने समझने जैसी बातें लिखी है, जो इस Flight Crash के बाद बहुत ही Relatable और Relevant लगती है.
आयुर्वायुवत्
हम सभी का आयुष्य यानी उम्र हवा की तरह चंचल है. आयुष्य को सभी वस्तुओं का Base माना गया है. इस Flight में बैठनेवाले Majority लोग Young थे, Medical Hostel में भी कई Young Doctors और Students थे.
उनमें से किसी ने सोचा भी नहीं होगा कि हमारी Life का End इस तरह होगा पर यह सनातन सत्य है कि आयुष्य का कोई भरोसा नहीं है. हमें नहीं पता कि हमारा कौनसा क्षण आखरी क्षण है.
कवलयनविरतं जंगमाजंगमम्
शास्त्रों में यमराज की कल्पना की जाती है. इस Crash में 2 चीजों का विनाश हुआ
A. Plane आदि जैसी Non Living Things का
B. Passengers, Doctors, Students आदि जैसे Living Things का.
यमराज इस दुनिया के Living और Non Living Things को लगातार अपने मुख में डालते रहते है और हम उनके हाथ में ही है.
हमारा भी कभी भी Number लग सकता है और इसलिए हमें मरने से पहले हमारे कुसंस्कारों को मार देना चाहिए. यहाँ पर यमराज यानी कुदरत समझना है.
रक्षन्ति पुण्यानि पुराकृतानि
ऐसा कहना गलत नहीं होगा कि जिस व्यक्ति ने पूर्व में कुछ पुण्य का काम किया होगा, उसकी Flight या तो Miss हो गई या उसने Flight की Ticket Cancel करवा दी.
इसलिए एक चीज तय है कि मृत्यु के पास होने पर भी अगर प्रबल पुण्य और आयुष्य बलवान हो तो ऐसी घटना से भी व्यक्ति बच जाता है जैसे कि Plane Crash के Lone Survivor – Vishwas Kumar Ramesh के साथ हुआ, जैसे कि Bhumi Chauhan के साथ हुआ, जिनकी Flight 10 Minute Late आने के कारण Miss हुई थी.
एक Message Whatsapp में घूमा था कि American दिक्षार्थी ऋषि भाई की दीक्षा में एक व्यक्ति Out Of India से आए थे और वे भी इसी Flight से वापस जानेवाले थे लेकिन श्री केसरियाजी तीर्थ यात्रा के कारण उन्होंने उनकी Ticket Cancel करवाई थी.
लग्नापदः सम्पदः
इस दुनिया में हमने जितनी संपत्ति कमाई है, सबके पीछे आपत्ति – आफतें तो लगी हुई ही है. विडंबना यह है कि संपत्ति के पीछे आपत्ति है लेकिन आपत्ति के समय संपत्ति – पैसे – धन – दौलत कितनी काम आती है? वह तो एक बड़ा प्रश्न ही है.
जब ऐसी कोई घटना होती है तब संपत्ति भी किसी काम की नहीं रहती.
Tata Group द्वारा Plane Crash के हर Victim के परिवारजन को 1 Crore की धन राशि As Compensation देने का Announce किया था.
इस विषय पर किसी Victim के एक Relative ने Interview में कहा था कि ‘मैं 2 Crore Airline Company को दे सकती हूँ लेकिन क्या मेरे परिवारजन मुझे वापस मिलेंगे?’ इस संवेदना को समझने जैसा है. पैसे के साथ परिवार की तुलना नहीं कर सकते.
परिवार को कोई Replace नहीं कर सकता, पैसे भी नहीं. पैसा तो आज नहीं तो कल कमा सकते हैं. हम पैसों के लिए परिवार का सुख भी खो देते हैं और यह भी पैसे कमाने से होनेवाली आपत्तियों में से एक आपत्ति है.
आज लोगों के पास सब कुछ है लेकिन Time नहीं है. माँ के पास बच्चों के लिए, पिता के पास परिवार के लिए, बच्चें बड़े होने के बाद माँ-बाप के लिए Time नहीं है. हम आज पैसों के पीछे भाग तो रहे हैं लेकिन क्या खो रहे हैं वह समझ नहीं पा रहे हैं.
व्यक्ति के जाने के बाद पता चलता है कि एक क्या 10 करोड़ भी उस व्यक्ति की जगह नहीं ले सकता.
तान् जनान् वीक्ष्य बत भस्मभूयंगतान्
हमने Social Media में Post हुए कई Videos में देखा होगा कि परिवारवाले अपनी बेटी – बहन – माता – पिता – भाई – जमाई को See off करने आए थे पर उनको पता नहीं था कि यह उनकी आखरी मुलाक़ात थी.
किसी पिता ने बेटी को Airport पर गले लगाया होगा, किसी भाई ने बहन को हँसते हुए कहा होगा ‘पहुँचते ही Phone करना’, जिनके साथ वे खेले थे, जिनके साथ में घुमे-फिरे थे, जिनके साथ उन्होंने भोजन किया था.
जिनके साथ उन्होंने Memories बनाई थी, लेकिन वे ही लोग 10 मिनट के फासले में हमेशा के लिए Memorable बन जाएंगे, यह किसने सोचा होगा?
इसलिए ही ग्रंथकारश्री कहते हैं कि यह पूरा संसार अनित्य है, Temporary है, Fixed नहीं है. यहां कोई भी चीज हमेशा के लिए रहने वाली नहीं है.
Nothing is Permanent In The World.
तो हम किसके पीछे भाग रहे हैं वह हमें सोचने की जरूरत है. पैसा सब कुछ करता है, यह मान्यता तोड़ने की जरूरत है. आज जो है, वो कल नहीं होगा, जो सामने है, वो सपना भी हो सकता है और जो सच्चाई है, वो है – मृत्यु जो हर पल पास आ रही है.
तो अब भी अगर हम नहीं जागे, तो कब हमारी जिंदगी की Flight भी Crash हो जाएगी, वह हमें पता भी नहीं चलेगा.