What Makes Ahimsa (Non Violence) A Core Principle Of Jainism?

जैन धर्म मे अहिंसा का इतना महत्व क्यों बताया गया है?

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By Jain Media 43 Views 8 Min Read
Highlights
  • अहिंसा के सिद्धांत से ही दया के भाव, करुणा के भाव सभी को एक दूसरे के प्रति आएंगे और इसी के चलते अपराध बढ़ने के बजाय घटते जाएंगे.
  • जीव हिंसा व्यक्ति को मानव हिंसा तक ले जा सकती है ! Animal Abuse can lead to Human Abuse.
  • अगर जानवरों के प्रति संवेदना होगी तो इंसानों के प्रति भी अवश्य होगी.

भगवान महावीर ने क्यों कहा चींटी को भी मत मारो? आखिर इसके पीछे का Scientific & Practical Reason क्या है? छोटे से छोटे जीव के प्रति करुणा रखने की बात आखिर प्रभु महावीर ने क्यों की? क्यों हमें अहिंसा का ऐसा सिद्धांत दिया? 

आइए जानते हैं इस Article के माध्यम से.

Nexus Between Animal Abuse & Human Abuse

आपने जैन धर्म के संदर्भ मे कई बार अहिंसा के बारे मे सुना होगा. आखिर जैन धर्म मे अहिंसा का इतना महत्व क्यों बताया गया है? इसका जवाब अगर ढूंढने जाएंगे तो जवाब मिलेगा ‘जीव हत्या के पाप से बचने के लिए या फिर दया-करुणा के द्वारा हिंसा को रोकने के लिए’. पर सिर्फ यही कारण नही है.

अहिंसा यानी Non-Violence Character Building का काम करता है. Non-Violence, Humanity, Discipline, Compassion आदि गुणों को Guard की तरह Protect भी करता है.

Northeastern university और Massachusetts SPCA की एक Study से पता चला कि जो लोग जानवरों का दुरुपयोग करते हैं, उन्हें सताते-तड़पाते है, Animal Abuse करते है वे मनुष्यों के खिलाफ अपराध यानी Crime Against Humans करने की पांच गुना अधिक संभावना रखते हैं.

सरल भाषा में कहें तो जीव हिंसा व्यक्ति को मानव हिंसा तक ले जा सकती है. 

Animal abuse can lead to Human Abuse. 

जीवों पर की गई हिंसा-Cruelty, क्रूरता के भावों का संचारण करती है, उसे बढ़ाने का काम करती है. आज हम Animal Abuse और Human Abuse के बीच के Nexus को यानी जोड़ने वाली कड़ी को कुछ Real Life Examples से जानेंगे.

Case No. 1 

एक बच्चा जिसने बिल्ली के बच्चे का पैर यानी Kitten का पैर बहुत बुरी तरह से मरोडा जैसे कोई Cigarette पैर के नीचे दबाता है और ऐसे उसे तड़पा तड़पा कर मारा. उसी बच्चे ने आगे चलकर 13 साल की उम्र मे अपने Classmate की पीठ मे छुरी भोंकि और एक Bus Driver को मारने की धमकी दी. बिल्ली की तड़प मे उसकी मज़ा ने उसके अंदर Cruelty का भाव मजबूत कर उसे Murderer बना दिया.

Case No. 2 

3 Teenagers ने Rake और Shovel (पंजा और फावड़ा) की मदद से मस्ती से पत्थर मार मार के एक चूहे को मार डाला. साथ ही Local Zoo के 8 पक्षी Exotic Birds को भी हँसते हँसते मार डाला. आगे चलकर उनपर Arson यानी आगजनी का आरोप लगा.

Case No. 3 

एक 16 साल के Teenager जिसने Pleasure के लिए यानी अपने आनंद के लिए एक बिल्ली को Torture किया और उसे लटकाया, उसी बच्चे ने बड़े होकर मज़े के लिए एक Passenger Train को Derail यानी पटरी से उतार देने का षड्यंत्र रचा जिसमे 23 लोग घायल हुए.

Case No. 4 

एक बच्चा जिसने अपने पापा को Animal Cruelty करते हुए देखा वह खुद भी Animals को Torture करने लगा और आगे बढ़कर Serial Killer बना और Rape जैसे घिनौना अपराध भी उसने किया. इतना ही नहीं उस बच्चे पर 40 से ज्यादा औरतो को मारने का इल्जाम है.

Case No. 5 

एक बच्चा जो बिल्लियों को मारता, तड़पता उसकी क्रूरता की सीमा उसे एक 7 साल के लड़के का Rape और Murder करने तक ले गई.

Case No. 6 

2002 के Washington DC के Sniper Attacks मे शामिल एक अपराधी की निर्दयता, क्रूरता का बीज 7-8 साल की उम्र मे ही लग गया था जब वह Stray Cats को Hunt करता था, उन्हें मारता था.

इन सभी Cases में और ऐसे अनेकों Cases में एक चीज़ Common है कि ज़्यादातर बड़े अपराध करनेवाले ने बचपन में कोई अपराध किए है, जानवरों पर क्रूरता की है, जानवरों को मारा है तड़पाया है. आप सभी सोच रहे होंगे कि Connection कैसे हो सकता है? How is this logical?

बिलकुल Connection है. बिलकुल Logical है. आप निष्पक्षता से सोचेंगे तो आपके दिमाग में और दिल में ये विषय ज़रूर बैठेगा.

जो व्यक्ति छोटे जीवों को भी नहीं मारता या मारना चाहता वो व्यक्ति कभी किसी बड़े जीव को नहीं मार पाएगा. जिस व्यक्ति को ये सिद्धांत सिखाया जाए की चींटी को भी नहीं मारना, उसे चींटी पर दया भाव, करुणा भाव आते हैं. अब अगर वो चींटी को भी नहीं मारेगा तो बिल्ली या कुत्ते को मारने की तो बहुत दूर की बात हो गई और यही व्यक्ति को अगर इंसान को मारना होगा तो उसके मन में क्या सोच होगी? सोचिए.

जिसके मन में चींटी के प्रति भी दया के भाव होंगे, उस व्यक्ति में हर जीव के प्रति दया के भाव होंगे, महिला के प्रति भी दया के भाव होंगे. वो कभी भी विकार भाव आने पर भी महिला का शोषण नहीं करेगा, दुष्कर्म नहीं करेगा.

In Short अगर जानवरों के प्रति संवेदना होगी तो इंसानों के प्रति भी अवश्य होगी.

Solution For World Peace

इसमें एकांत नहीं पकड़ना है कि तो क्या Vegetarian लोग क्या Crime नहीं करते? देखिए बिलकुल जिन्होंने कभी जानवरों को नहीं मारा होगा उन्होंने भी Crime तो किया ही होगा लोगों की हत्या भी की ही होगी. लेकिन यहाँ पर हमारा Focus भाव पर है. Crime करने से पहले अगर उस व्यक्ति में दया भाव होते, तो वो वैसा बिलकुल नहीं करता.

आवेश में आकर, क्रोध में आकर, लालच में आकर लोग खून कर देते हैं. लेकिन आवेश क्रोध लालच से ऊपर अगर करुणा के दया के भाव उस व्यक्ति में हो तो वो उसे अपराध करने से रोक देते हैं, और इसी से शांति स्थापित होती है. सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में अगर शांति स्थापित करनी है तो इसी अहिंसा के सिद्धांत को सभी को अपनाना होगा. इस अहिंसा के सिद्धांत से ही दया के भाव, करुणा के भाव सभी को एक दूसरे के प्रति आएंगे और इसी के चलते अपराध बढ़ने के बजाय घटते जाएंगे.

इन सबसे यही साबित होता है कि जीव हिंसा की क्रूरता या निर्दयता वो बीज है जो देर सवेर Crime का पेड़ बन समाज मे ज़हर फेलाता है. इसलिए अगर Crime Free Society चाहिए, अगर हम किसी Crime के Victim नहीं बनना चाहते तो Animal Abuse को रोकना होगा. अहिंसा का सिद्धांत अपनाना होगा.

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1 Comment
  • अहिंसा के बल से ही विश्व में शांति स्थापित हो सकती है 🙏🏻🙏🏻 जहां नहीं होती अहिंसा, वहां नहीं होता है धर्म का हिस्सा 🙏🏻🙏🏻

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