Why Jain Acharya Shri Nityananda Suriji Has Been Awarded With Padma Shri Award?

आखिर क्यों एक जैन आचार्य को पद्मश्री से सम्मानित किया गया है?

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Highlights
  • Year 2025 में पूज्य जैन आचार्य श्री नित्यानंदसूरीश्वरजी महाराज साहेब को Indian Government द्वारा Padma Shri से सम्मानित किया गया है.
  • पूज्य आचार्यश्री ने समस्त भारत में 2 लाख KM से अधिक विहार करके मानव सेवा के कई अद्भुत कार्य किए हैं.
  • पूज्य आचार्यश्री ने मात्र 9 वर्ष की उम्र में दीक्षा ली थी और 35 वर्ष की उम्र में आचार्य के पद पर विराजमान हुए थे.

आखिर क्यों मिला जैन आचार्य को पद्मश्री?

आज हम एक ऐसे महान जैन आचार्य के बारे में जानेंगे जिन्होंने समस्त भारत में 2 लाख KM से भी ज़्यादा विहार यानी पैदल यात्रा करके, जैनों और अजैनों के लिए, तीर्थ स्थान, Schools, Hospitals आदि अन्य कई Sectors में अद्भुत कार्य किया है. 

देशवासियों की इस अद्भुत सेवा के लिए उन्हें India के Top Most Prestigious Awards में से एक – ‘Padma Shri’ से सम्मानित किया गया है. 

जी हाँ, हम बात कर रहे हैं पंजाब केसरी परम पूज्य आचार्य भगवंत श्री विजयवल्लभसूरीश्वरजी महाराज साहेब के क्रमिक पट्टधर परम पूज्य गच्छाधिपति आचार्य भगवंत श्रीमद् विजय नित्यानंदसूरीश्वरजी महाराज साहेब की. 

पूज्यश्री द्वारा किए गए अद्भुत कार्य एवं उनके जीवन से जुडी कुछ अद्भुत बातें आइए जानते हैं.
बने रहिए इस Article के अंत तक. 

Early Life

जीरा (Punjab) निवासी सुश्रावक श्री चिमनलालजी कि जो एक पंजाबी जैन परिवार से Belong करते थे, उनके यहाँ पूज्यश्री का जन्म तिथि द्वितीय श्रावण वदि चौथ, तारीख 03rd August 1958 के दिन India के Capital Delhi में हुआ था. 

पूज्यश्री ने अपना बचपन 12 कल्याणकों से पावन भूमि यानी हस्तिनापुर (UP) में बिताया. पूज्यश्री ने मात्र 9 वर्ष की उम्र में, अपने परिवार के साथ Year 1967 में पंजाब केसरी परम पूज्य आचार्य भगवंत श्री विजयवल्लभसूरीश्वरजी महाराज साहेब के पट्टधर राष्ट्रसंत परम पूज्य आचार्य भगवंत श्री समुद्रसूरीश्वरजी महाराज साहेब के चरणों में अपना जीवन समर्पित करते हुए दीक्षा लेकर संसार का त्याग करके वे बने थे पूज्य मुनिराज श्री नित्यानंदविजयजी महाराज साहेब. 

पूज्य आचार्य श्री विजयवल्लभ सूरीश्वरजी महाराज साहेब के बारे में हम एक अलग Video में Already देख चुके हैं.

Jain Acharya Shri VijayVallabh Suriji’s Story 

क्रम से गणी एवं पंन्यास पदवी के बाद Year 1993 में उनकी योग्यता को देखते हुए, मात्र 35 वर्ष की अल्पायु में पूज्यश्री को ‘आचार्य’ के पद पर विराजमान किया गया एवं पूज्य आत्मवल्लभ महाराज साहेब के प्रिय ऐसे पंजाब को संभालने का कार्य सौंपा गया. 

समाज सेवा के पीछे पूज्यश्री की Inspiration उनके गुरु आत्म एवं आराध्य पूज्य आचार्य श्री विजयवल्लभसूरीश्वरजी म.सा. हैं जिनका देवलोकगमन आज से 70 Years पहले हो चुका है. पूज्य वल्लभसूरीजी म.सा. का जीवन भी इसी तरह समाज सेवा में, लोगों के कल्याण के अनेकों कार्य करते हुए बीता था. 

पूज्य वल्लभसूरीजी म.सा. द्वारा Establish की गई सभी संस्थाओं का जीर्णोद्धार यानी Redevelopment का काम आज उन्हीं के समुदाय के वर्त्तमान गच्छाधिपति परम पूज्य आचार्य भगवंत श्री नित्यानंदसूरीश्वरजी के Guidance में चल रहा है. 

पूज्यश्री के दीक्षा जीवन के 57 Years में उन्होंने South India में कन्याकुमारी-चिदंबरम से North India के Jammu से West India के कच्छ (Gujarat) एवं East India के Kolkata / Cuttack यहाँ तक यानी कि लगभग 2 लाख KM से भी ज्यादा का विहार किया है. 

पूज्यश्री ने देश भर में जैन धर्म के Principles जैसे कि Kindness, Non-Violence, Compassion For All Living Beings आदि के Messages को-सिद्धांतों को लोगों तक पहुंचाया है और अभी भी पहुंचा रहे हैं. 

Note : जैन साधु भगवंत अहिंसा के उद्देश्य से Vehicles आदि का उपयोग नहीं करते हैं और हर जगह पैदल चलकर ही जाते हैं जिसे विहार कहा जाता है. 

पूज्यश्री ने अपने उपदेशों द्वारा कई जगह पर Arguments को Solve किया है और Communal Peace को बढ़ावा दिया है जिस कारण से पूज्यश्री को ‘शांतिदूत’ का Title दिया गया है. 

हमें यह जानकर बहुत आनंद होगा कि पूज्य वल्लभसूरीजी म.सा. के 151st Birth Anniversary पर India के Prime Minister श्री नरेंद्र मोदीजी द्वारा 16th November 2020 को Rajasthan के पाली District में जैतपुरा में पूज्य वल्लभ सूरीजी म.सा. का 151 inch ऊँचा Statue of Peace का जो Virtual उद्घाटन किया था, वह Statue Of Peace इन्हीं जैनाचार्य श्री नित्यानंदसूरीजी महाराज साहेब की प्रेरणा से बनवाया गया था. 

आज भी वहां जाकर आप उस Statue of Peace के दर्शन कर सकते हैं. 

साथ ही गुरु आत्मारामजी म.सा. की जन्म भूमि यानी लहरा, पंजाब में उनका Statue Of Wisdom जिसका लोकार्पण Lok Sabha Speaker Om Birlaji ने किया था. 

Year 1893 में पहली World Parliament Of Religions में जैनधर्म को Represent करनेवाले Virchand Raghavji Gandhi का Delhi में Statue, ये दोनों Statues और भारत के विभिन्न क्षेत्रों में गुरु वल्लभ स्मारक एवं पूज्य वल्लभविजयजी म.सा. के Statues की स्थापना भी पूज्यश्री की प्रेरणा से ही की गई थी. 

Contribution In Bihar

24वें तीर्थंकर श्री महावीर स्वामी भगवान की जन्म भूमि क्षत्रियकुंड, लछवाड है जो कि बिहार के जमुई Area में आती है. Year 2006 में पंचायत राज मंत्रालय द्वारा इस Area को पिछड़ा क्षेत्र यानी Backward Area घोषित किया गया था. 

पूज्यश्री Year 2002 में पहली बार इस Area में आए थे और यहाँ की गरीबी को देखकर उनका दिल दहल गया था और तब उन्होंने कल्याणक भूमियों के उद्धार का संकल्प लिया. उस समय पूज्यश्री के ये वचन थे ‘यहाँ के लोग भगवान महावीर का परिवार है और इसलिए इस परिवार को संभालने की जिम्मेदारी भी हमारी ही है.’ 

पूज्यश्री की प्रेरणा से उन Areas में-लछवाड जैसे गाँवो में Super Speciality Hospitals, Computer Labs, Employment यानी लोगों को रोजगार दिलाना आदि कई ऐसे अद्भुत कार्य किए गए जिनसे आज ये Areas Developed और Advanced हैं. 

पूज्यश्री की प्रेरणा से कल्याणक भूमि लछवाड में जो Bhagwan Mahavir Hospital बनवाया गया था, वहां आजतक लगभग 36 हजार लोगों को Free Micro Surgery, Eye Operation, Jaipur Foot एवं निशुल्क दवाईयों के द्वारा Eyesight और Artificial Limbs आदि मिले हैं. 

यह Bhagwan Mahavir Hospital अनेक छोटे बड़े गाँवों में Free Camps भी Organise करता है. Year 2023 में जमुई District के सिकंदरा विधान सभा क्षेत्र की पंचायत ने इस Hospital द्वारा हो रहे सुकृत के धन्यवाद स्वरुप पूज्यश्री को ‘नेत्र ज्योति प्रदाता’ के Title से सम्मानित किया था. 

पूज्यश्री ने Year 2002 में गरीबी के कारण School नहीं जानेवाले लगभग 700 बच्चों को पूरे साल Free Education दिलाने की व्यवस्था शुरू करवाई थी कि जो आज भी अच्छी तरह से चल रही है. 

इस व्यवस्था को Extend करते हुए पूज्यश्री की प्रेरणा से युवकों को Independent बनाने के लिए निःशुल्क Computer Labs भी शुरू किए गए हैं. 

पूज्यश्री के प्रवचनों ने इस Area में अनेक जैन और अजैन लोगों को मानवता के रास्ते पर लाया है जिससे लोगों ने गलत कार्यों का त्याग करके, सही रास्ते पर अपना जीवन आगे बढ़ाया है. 

पूज्यश्री की प्रेरणा से कल्याणक भूमि लछवाड में पुराने तीर्थ का जीर्णोद्धार Finish हुआ और भारत भर से परमात्मा के दर्शन के लिए आनेवाले भक्तों की संख्या बढ़ी है. 

प्रभु महावीर से जुड़े होने के कारण इस क्षेत्र के Development के लिए पक्की सड़कें, नदियों पर Bridges, Electricity, Police Station की स्थापना आदि कई कार्य पूज्यश्री की प्रेरणा द्वारा सरकार को सहयोग देकर जल्दी पूर्ण करवाए गए.  

Other Social Services 

आज से कई साल पहले पंजाब केसरी पूज्य आचार्य श्री विजयवल्लभसूरीश्वरजी म.सा एवं उनके शिष्यरत्नों ने 30 से अधिक School, Colleges, Hostels का निर्माण करवाया था. 

श्री पार्श्वनाथ जैन विद्यालय (वरकाणा, Rajasthan), श्री आत्मानंद जैन स्कूल (पंजाब-लुधियाना, अम्बाला, जंडियाला गुरु), श्री महावीर जैन विद्यालय (Mumbai), जैन भारती मृगावती विद्यालय (Delhi) आदि उनमें से कुछ मशहूर नाम हैं. 

पू. वल्लभसूरीजी म.सा. के ही Footsteps पर चलते हुए पूज्य नित्यानंद सूरिजी म.सा. की Guidance में Present में उन संस्थाओं का Rapid Development हो रहा है. 

110 वर्ष प्राचीन श्री महावीर जैन विद्यालय, गुजरात की अलग अलग Branches का जीर्णोद्धार, सभी Branches में परमात्मा के जिनालय का निर्माण, कई Governmental-Non Governmental School और Hospitals में Development Work. 

विद्या भारती आदि में Financial Support, School-Colleges में Computer Labs, Auditoriums आदि निर्माण या Reconstruction, ज़रूरतमंद Students को निःशुल्क Education आदि कार्य पूज्यश्री की प्रेरणा से हो रहे हैं. 

और इसी कड़ी में Sharda University में Jain Study Center की स्थापना, आचार्य विजय वल्लभ School (Pune), श्री आत्म-वल्लभ Public School (अबोहर), श्री आत्म-वल्लभ जैन कन्या महाविद्यालय (गंगानगर, Rajasthan) आदि 20 से अधिक नए Educational Institutes पूज्यश्री की मेहनत एवं प्रेरणा से बनाए गए हैं. 

Ambala (Haryana) के पास SS Jain School और College, मोहड़ी (Ambala) में Education Institute, Sharda University, Delhi में अनेक Divisions, India-Pakistan की Border पर आए हुए श्रीगंगानगर में School एवं Girls College, Ludhiana में जो बच्चे बोल और सुन नहीं सकते उनका School आदि कई कार्य पूज्यश्री की प्रेरणा से चल रहे हैं. 

इन Institutes में कई जरूरतमंद बच्चों को Free Education भी दी जाती है. 

Health Sector

गुजरात में ईडर, वड़ोदरा, मुंबई में विरार, राजस्थान में सादड़ी, बिहार में लच्छवाड़, तमिलनाडु में मदुरंतकम आदि क्षेत्रों में New Super Speciality Hospitals पूज्यश्री की प्रेरणा से बनवाए गए हैं. 

20 वर्ष पहले स्थापित किए गए लछवाड Hospital में वर्ष 2023 में 108 Bed के नई Wing की स्थापना की गयी और उसी वर्ष पूज्यश्री की निश्रा में Sharda University में 1200 Beds के Hospital का Inauguration हुआ.

Ludhiana का Mohan Dei Hospital, MJS Hospital & Diagnostic Center द्वारा मानव सेवा के कार्य तथा जीव दया के क्षेत्र में अनेको नगरों में Bird Hospitals, Gaushala आदि कार्य भी पूज्यश्री की प्रेरणा से हो रहे हैं.  

पूज्य आचार्यश्री ने अभी तक लगभग 500 से अधिक मंदिरों-तीर्थों की अंजनशलाका प्रतिष्ठा और स्थापना की है और 30 से अधिक Books का लेखन-संपादन किया है. Punjab-Delhi में अनेको मंदिर एवं धर्मशाला का जीर्णोद्धार एवं निर्माण, Ludhiana के पास श्री मणिलक्ष्मी तीर्थ के रूप में एक ऐतिहासिक धरोहर आदि पूज्यश्री की प्रेरणा से बनवाए गए हैं. 

इन सभी के अलावा भी पूज्यश्री की प्रेरणा से भारत भर में Education, Health, Employment, Tirth Development आदि के कई कार्य किए जा रहे हैं. उत्तर भारत एवं राजस्थान के भी सभी क्षेत्रों में पूज्यश्री का विशेष प्रभाव है. 

पूज्यश्री के समाज सेवा के कार्यों की List काफी लंबी है. 

Response On Padma Shri

26th January 2025 यानी Republic Day के दिन Government द्वारा Padma Awards की घोषणा होने के बाद जब गच्छाधिपति परम पूज्य आचार्य भगवंत श्री नित्यानंदसूरीश्वरजी महाराज साहेब को उन्हें ‘पद्मश्री’ से सम्मानित किया गया है, यह पता चला तब पूज्यश्री ने कहा कि  

किसी Award या पदवी के लिए कार्य करना मेरे गुरु भगवंतों की हितशिक्षा नहीं है. यह सम्मान मेरा नहीं, हर उस कार्यकर्ता का है जो निःस्वार्थ भाव से मेरे एक इशारे से तन, मन और धन समर्पित करके समाज के उद्धार के कार्य में जुड़ जाते हैं.

मेरे गुरु भगवंतों ने मुझे जो साधु, आचार्य एवं गच्छाधिपति पद का दायित्व दिया है, मैं बस उसी का पालन कर रहा हूँ.

दीन दुखियों की, गरीबों की सेवा के लिए सब एक एक कदम बढ़ाएं तो सभी मिलकर लाखों कदम बढ़ सकते हैं. हम सभी समय के एक एक पल का बराबर सदुपयोग करें, यही प्रभु महावीर की वाणी है.

एक जैन साधु के जीवन की मर्यादाओं का नियमों का पालन करते हुए इतने कार्य कर पाना Unbelievable और Unimaginable है लेकिन पूज्यश्री ने यह सब कुछ कर दिखाया है.

कई लोग कहते हैं कि दीक्षा लेनेवाले मतलबी होते हैं, समाज का कौनसा फायदा करते हैं? उन सभी के साथ इस Article को Please Share कीजिएगा ताकि उन्हें पता चले कि एक जैन आचार्य देश के और समाज के हित में प्रेरणा देकर कितना कुछ कर सकते हैं और कर चुके हैं. 

परम पूज्य आचार्य भगवंत श्रीमद् विजय नित्यानंदसूरीश्वरजी महाराज साहेब को पद्मश्री से सम्मानित होने पर हार्दिक शुभकामनाएं देते हैं और ऐसे महान आचार्य भगवंत की अंतर्मन से अनुमोदना करते हैं-वंदन करते हैं जिन्होंने लाखों लोगों के जीवन को एक नई उम्मीद-नई रौशनी दी है. 

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