Mahavir Swami Bhagwan Stavan – Veer Vahela Aavone Lyrics (Prabhu Veer Nirvan Special)

"वीर वहेला आवोने..." जैन स्तवन

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By Jain Media 52 Views 2 Min Read

त्रिशला नंदन श्री महावीरस्वामी भगवान का अलौकिक स्तवन
“वीर वहेला आवोने..”

वीर.. वीर.. वीर..
महावीर.. वीर.. वीर..
महावीर.. वीर.. वीर..
महावीर.. महावीर..   (x2)

वीर वहेला आवोने, गौतम कही बोलावो ने.. (x2)
दरिशण वहेला दीजिए, होजी.. 
प्रभु! तुं निःस्नेही, हुं ससनेही अजाण रे.. 
वीर वहेला आवो, गौतम कही बोलावे…   (1)

गौतम भणे भो नाथ तें, विश्वास आपी छेतर्यो,
परगाम मुजने मोकली, तुं मुक्ति रमणीने वर्यो,
हो जिनजी! तारा, गुप्त भेदोथी अजाण रे..
वीर वहेला आवो, गौतम कही बोलावे…   (2)

शिवनगर हतुं शुं सांकडुं के, हती नहीं मुज योग्यता,
जो कह्युं होत मुजने तो, कोण कोईने रोकता,
हो जिनजी! हुं शुं, मागत भाग सुजाण रे..
वीर वहेला आवो, गौतम कही बोलावे…   (3)

मम प्रश्नना उत्तर देई, गौतम कही कोण बोलावशे,
कोण सार करशे संघनी, ने शंका बिचारी क्यां जशे,
हे! पुण्य कथा कही, पावन करो मम कान रे..
वीर वहेला आवो, गौतम कही बोलावे…   (4)

जिन भाण अस्त थतां तिमिर, मिथ्यात्व सघले व्यापशे,
कुमति कुशील जागशे ने, चोर चंगुल वधी जशे,
हे! त्रिगडे बेसी, देशना द्यो जगभाण रे..
वीर वहेला आवो, गौतम कही बोलावे…   (5)

मुनि चौद सहस छे ताहरे ने, माहरे वीर तुं एक छे,
टलवलतो मुजने मूकी गयां, प्रभु ! क्यां तमारी टेक छे,
प्रभु! स्वप्नांतरमां, अंतर न धर्यो सुजाण रे..
वीर वहेला आवो, गौतम कही बोलावे…   (6)

पण हुं आज्ञावाट चाल्यो, नथी मल्यो आ अवसरे,
हुं रागवश रखडुं निरागी, वीर शिवपुर संचरे,
हुं वीर! वीर! करूँ, वीर न धरे कांई कान रे..
वीर वहेला आवो, गौतम कही बोलावे…   (7) 

कोण वीर ने कोण गौतम, नहीं कोई कोईनुं कदा,
ए राग ग्रंथी तूटतां, वर ज्ञान गौतमने थतां,
हे सुरतरु सुरमणि! गौतम नामे निधान रे..
वीर वहेला आवो, गौतम कही बोलावे…   (8)

कार्तिक मास अमास रात्रे, अस्त भाव दीपक तणो,
द्रव्य दीपक ज्योत प्रगटे, लोक दिवाली भणे,
हे! वीरविजय ना, नर नारी करे गुणगान रे..
वीर वहेला आवो, गौतम कही बोलावे…   (9)

वीर.. वीर.. वीर..
महावीर.. वीर.. वीर..
महावीर.. महावीर… 
महावीर.. महावीर… 

महावीर.. महावीर… 
महावीर.. महावीर… 

लेखक: परम पूज्य श्री वीरविजयजी महाराज साहेब
गायिका: फोरम प्रशम शाह 

इस स्तवन का अर्थ समझने के लिए यह Video देख सकते हैं.

“वीर वहेला आवोने..” जैन स्तवन (संवेदना / अर्थ के साथ)
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